कोरबा के इस शिक्षक ने बढ़ाया जिले का मान…राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए हुआ चयन, राष्ट्रपति के हाथों 5 सितंबर को होंगे सम्मानित

कोरबा: शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वर्ष 2025 के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा कर दी है. इस बार देशभर से कुल 45 उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन किया गया है. मंत्रालय की संयुक्त सचिव प्राची पांडेय ने जानकारी दी कि विजेताओं को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर सम्मानित करेंगी. समारोह का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में होगा. पुरस्कार के तहत शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, 50 हजार रुपये नकद और रजत पदक प्रदान किया जाएगा. मंत्रालय ने बताया कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और तीन-स्तरीय प्रक्रिया के जरिए की गई है. चयनित शिक्षकों के ठहरने की व्यवस्था 3 से 6 सितंबर तक नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित होटल अशोक में की गई है.

राज्यवार चयनित शिक्षकों की संख्या बिहार से तीन (जिसमें 2 सामान्य और 1 सैनिक स्कूल), उत्तर प्रदेश से 2, उत्तराखंड, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब से 1-1 शिक्षक. चंडीगढ़, राजस्थान, दादरा एवं नगर हवेली व दमन दीव, गोवा, जम्मू-कश्मीर, अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, सिक्किम, मेघालय, त्रिपुरा, असम, लक्षद्वीप, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, पुडुचेरी और कर्नाटक से 1-1 शिक्षक चयनित हुए हैं. गुजरात और मध्य प्रदेश से 2-2 शिक्षकों को चुना गया है. छत्तीसगढ़ से भी 2 शिक्षक (1 सामान्य और 1 नवोदय विद्यालय) चयनित हुए हैं. महाराष्ट्र से कुल 3 शिक्षक (2 सामान्य और 1 एटॉमिक एनर्जी स्कूल) शामिल हैं. ओडिशा से 2 (1 सामान्य और 1 केंद्रीय विद्यालय), पश्चिम बंगाल से 2 (1 सामान्य और 1 निजी/सीबीएसई) तथा तमिलनाडु से 2 (1 सामान्य और 1 सीबीएसई) शिक्षक सम्मानित होंगे.

छत्तीसगढ़ के दो शिक्षक शामिल, एक कोरबा से

इस बार 45 शिक्षकों में दो शिक्षक छत्तीसगढ़ से भी है. इनमें महिला शिक्षिका दुर्ग जबकि एक पुरुष टीचर नवोदय विद्यालय से. नवोदय विद्यालय से चयनित हुए शिक्षक संतोष कुमार चौरसिया ने इस बारें में मीडिया से विस्तार से बात की है. उन्होंने कहा, मैं कोरबा जिला प्रशासन एवं अपने विद्यालय प्रबंधन का आभारी हूँ. मैंने बतौर शिक्षक 16-17 वर्षों तक जो कार्य किया उसका प्रतिफल मिला है. नवोदय विद्यालय समिति में उड़ीसा में मुझे पहली पदस्थापना मिली थी

वहाँ भी बच्चे काफ़ी ज़्यादा टैलेंटेड है. मैंने उस स्कूल में पारंपरिक शैक्षणिक पद्धति से अलग कार्य किया और इसका परिणाम भी मुझे देखने को मिला है. इसका नतीजा यह भी हुआ कि बच्चों में अलग-अलग विषयों को लेकर रुचि बढ़ी और उनमें विज्ञान जैसे विषय को लेकर डर भी ख़त्म हुआ.

आज मिले इस सम्मान के लिए मैं सबसे पहले नवोदय विद्यालय समिति का आभारी हूँ. नवोदय विद्यालय समिति ने मुझे विभिन्न प्रकार के अवसर प्रदान किए. मैं नवोदय विद्यालय समिति की तरफ़ से ट्रेनर हूँ, जबकि इंटरनेशनल टीचर्स एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए भी अंतिम 10 शिक्षकों में उनका चयन हुआ था. इन सब वज़हों से मुझे लोगों से रूबरू होने का अवसर मिला. इससे ज्ञान का आदान-प्रदान हुआ और मुझे मेरे व्यक्तित्व विकास में काफ़ी मदद मिली.

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