इस बार आईटीआर फाइल करने वालों को मिल रहा है कम रिफंड, ये है वजह

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने आयकर दाखिल करने की तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है, जिसके चलते लोग अभी अपना आईटीआर फाइल कर रहे हैं. लेकिन, उनको विभाग की ओर से जो रिफंड मिल रहा है वह कम मिल रहा है. आइए इसके बारे में डिटेल से समझते हैं.

इस समस्या को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीए अदिति भारद्वाज ने बताया कि आईटीआर फाइल करने वाले सॉफ्टवेयर में कुछ टेक्निकल ग्लिच के चलते ऐसा हो रहा है. उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 288बी के अनुसार, रिफंड की राशि को दस रुपये के निकटतम गुणज में काउंट किया जाना चाहिए. हालांकि, यह देखा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 के आईटीआर रिफंड के लिए, अंतिम रिफंड राउंडेड नहीं किया गया है, जिसके चलते लोगों का रिफंड कम आ रहा है. उन्होंने बताया कि 35,807 रुपये को 35,810 रुपये में राउंडेड करना चाहिए जो कि नहीं हो रहा है.

उन्होंने आईटीआर को प्रोसेस करने वाले कंप्यूटर सिस्टम में एक गड़बड़ी की ओर इशारा किया है. समस्या यह है कि टैक्स रिफंड की रकम को राउंड ऑफ नहीं किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप छोटी रकम छूट जा रही हैं.

अगर ऐसा रहा तो आगे क्या होगा?

ईटी की रिपोर्ट में Tax2Win के को-फाउंडर अभिषेक सोनी का कहना है कि अगर यह फॉल्ट जारा रहा, तो इसका मतलब होगा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 288बी का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि रिफंड को निकटतम 10 रुपये तक राउडेंड किया जाना चाहिए. सोनी ने आगे कहा कि हालांकि प्रति करदाता अंतर कम है, लेकिन कुल मिलाकर यह करोड़ों में जा सकता है, जिससे शिकायतें, अतिरिक्त प्रशासनिक बोझ और मुकदमेबाजी भी बढ़ सकती है. चूंकि यह पॉलिसी चेंज के बजाय एक व्यवस्थागत गड़बड़ी प्रतीत होती है, इसलिए आयकर विभाग द्वारा जल्द ही इसे स्पष्ट और दुरुस्त करने की उम्मीद है.

Advertisements
Advertisement