नीट यूजी के नतीजे जारी हो चुके हैं और अब छत्तीसगढ़ में मेडिकल दाखिले को लेकर हलचल तेज हो गई है। इस बार सरकारी कॉलेजों में दाखिला के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएम) में दाखिला 600 नंबर जा सकता है। वहीं शासकीय दंत चिकित्सालय (जीडीसी) में दाखिला 420 तक जा सकता है।
छात्र अब रैंक के आधार पर मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेद कॉलेजों में प्रवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं। वहीं डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ने काउंसलिंग के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन फाइनल मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने की वजह से प्रक्रिया में देरी हो रही है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल 15 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें से 10 सरकारी और 5 निजी कॉलेज एमबीबीएस की पढ़ाई करा रहे हैं।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सरकारी मेडिकल कॉलेज और सीटें
- राज्य के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इस साल 1555 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं।
- इन सीटों पर दाखिला 85 प्रतिशत राज्य कोटा से दिया जाएगा
- 15 प्रतिशत एडमिशन आल इंडिया कोटा (एआइक्यू) के तहत होगा
- पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर में एमबीबीएस की 250 सीट है, यहां पिछले साल पिछले साल कट ऑफ 595 नंबर तक गया था।
- सिम्स बिलासपुर में एमबीबीएस की 150 सीट है, पिछले साल यहां का क्लोजिंग रैंक 29,500 था।
- अटल बिहारी वाजपेयी गवर्मेंट मेडिकल कालेज राजनांदगांव में एमबीबीएस की 125 सीट है। यहां का कटऑफ 38,000 तक गया था।
- गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज जगदलपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, दुर्ग, भिलाई, कोरबा, कांकेर, महासमुंद में प्रत्येक में 100-125 सीटें हैं।
निजी मेडिकल कॉलेज के कटऑफ
राज्य के पांच निजी मेडिकल कॉलेजों श्री बालाजी इंस्टीट्यूट, रिम्स, रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज, श्रीशंकारचार्य मेडिकल इंस्टीट्यूट और अभिषेक मिश्रा मेडिकल कॉलेज में करीब 700 एमबीबीएस की सीटें हैं। इन पर कटऑफ पिछले साल 1.65 लाख से 7 लाख रैंक तक गई थी। फीस यहां सालाना छह से 10 लाख रुपये तक होती है।
ऐसे होती है कटऑफ
मेडिकल कालेजों का कटऑफ नीट यूजी परीक्षा के आधार पर निर्धारित होता है। इसमें कुल उम्मीदवारों की संख्या, परीक्षा की कठिनाई स्तर, कॉलेज की लोकप्रियता, सीटों की उपलब्धता और आरक्षण नीति जैसे कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कटऑफ वह अंतिम रैंक या अंक होता है, जिस पर किसी कॉलेज में प्रवेश मिलता है।
इस बार मुकाबला और ज्यादा टफ
नीट यूजी 2025 में छत्तीसगढ़ के छात्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन सरकारी एमबीबीएस सीटें सीमित हैं। ऐसे में 50,000 रैंक के अंदर आने वाले छात्रों को ही सरकारी सीट मिलने की उम्मीद है। निजी एमबीबीएस सीटें महंगी हैं, लेकिन विकल्प के तौर पर खुली हैं।
डेंटल कालेज की स्थिति
शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में बीडीएस की 100 सीट है। जिसमें पिछले साल 2024 में कट ऑफ 412 नंबर तक गया था। इसके साथ ही निजी डेंटल कॉलेज में मैत्री डेंटल कॉलेज दुर्ग, त्रिवेणी डेंटल कॉलेज बिलासपुर, रुंगटा डेंटल कॉलेज भिलाई और छत्तीसगढ़ डेंटल कॉलेज राजनांदगांव आदि में 500 सीटें हैं। इनमें क्लोजिंग रैंक पिछले साल छह से 7 लाख तक गई थी।
फिजियोथेरेपी और आयुर्वेद में विकल्प
जिन छात्रों की रैंक एमबीबीएस, बीडीएस में काफी ऊपर है, उनके लिए आयुर्वेद और फिजियोथेरेपी अच्छे विकल्प बन सकते हैं। आयुर्वेद में 400 सीटें और फिजियोथेरेपी में 200 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं।