प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली खंड और शहरी विस्तार सड़क-II (UER-II) का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने दिल्ली के रोहिणी में रोड शो भी किया और एक जनसभा को भी संबोधित किया.
प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उपस्थित रहे. करीब 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनीं ये परियोजनाएं ट्रैफिक जाम से जूझती दिल्ली को बड़ी राहत देंगी और कनेक्टिविटी को और मजबूत बनाएंगी.
11 वर्षों में दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त का महीना आजादी और क्रांति का प्रतीक है और ऐसे समय में राजधानी दिल्ली विकास क्रांति की साक्षी बन रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि नई सड़क परियोजनाओं से दिल्ली, गुरुग्राम और पूरे एनसीआर में लोगों की आवाजाही आसान होगी. अब ऑफिस, फैक्टरियों और कारोबार के लिए आना-जाना पहले से अधिक सहज होगा. इससे समय की बचत होगी और व्यापारियों, कारोबारियों तथा किसानों को विशेष लाभ मिलेगा. उन्होंने दिल्ली-NCR के नागरिकों को इस आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बधाई दी.
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बीते 11 वर्षों में दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार हुआ है. आज यहां विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे, विशाल मेट्रो नेटवर्क, नमो भारत जैसी रैपिड रेल सेवाएं और अब नई सड़कें मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड दिल्ली को जाम से बड़ी राहत देंगे. प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि अर्बन एक्सटेंशन रोड का एक विशेष पहलू यह है कि इसे बनाने में लाखों टन कचरे का वैज्ञानिक उपयोग किया गया है. उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली को कचरे के पहाड़ों से मुक्ति दिलाने का हमारा संकल्प जारी है और इसी दिशा में यह बड़ा कदम है.’

‘खोज-खोजकर सैकड़ों गलत कानूनों को खत्म किया’
पीएम मोदी ने सफाई कर्मियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने उन्हें गुलाम समझा और उनके खिलाफ खतरनाक कानून बनाए. लेकिन भाजपा सरकार ने ऐसे सैकड़ों पुराने और अन्यायपूर्ण कानून खत्म किए. उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य जनता के जीवन से सरकार का दखल और दबाव खत्म करना है. पिछली सरकारें दिल्ली के हमारे स्वच्छता साथियों को गुलाम समझती थीं. ये जो सिर पर संविधान रखकर नाचते हैं वो संविधान को कुचलते थे. दिल्ली में एक खतरनाक कानून था जिसके तहत अगर कोई सफाई मित्र बिना बताए काम पर नहीं आता तो उसे एक महीने के लिए जेल में डाला जा सकता था. एक छोटी सी गलती के लिए सफाईकर्मी को जेल में डाल देंगे. ये मोदी है जो इस तरह के गलत कानूनों को खोज-खोजकर खत्म कर रहा है.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे लिए रिफॉर्म का मतलब है सुशासन का विस्तार.’ आर्थिक सुधारों पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि दिवाली से पहले जीएसटी में बड़े रिफॉर्म किए जाएंगे, जिससे कारोबारियों और आम नागरिकों दोनों को लाभ होगा. उन्होंने राज्यों से इसमें सहयोग की अपील की. पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ को भी दोहराया. उन्होंने कहा कि ‘खादी एक समय विलुप्त होने की कगार पर थी, लेकिन देश ने संकल्प लिया और आज खादी की बिक्री 7 गुना बढ़ी है. मेड इन इंडिया मोबाइल और खिलौनों का निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है.’
‘भारत में बना सामान ही खरीदें’
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि त्योहारों पर स्थानीय उत्पाद ही खरीदें ताकि मजदूर और कारोबारी दोनों का फायदा हो और पैसा भारत में ही रहे. पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली ऐसी राजधानी बन रही है, जो अतीत की विरासत और भविष्य की आधुनिकता का संगम कराती है. उन्होंने विश्वास जताया कि दिल्ली आने वाले समय में एक बेहतरीन और विकसित राजधानी बनकर उभरेगी.
40 मिनट में पूरा होगा ढाई घंटे का सफर
UER-II के शुरू होने के बाद सफर बेहद आसान हो जाएगा. अभी जहां सिंघु बॉर्डर से द्वारका एक्सप्रेसवे तक की दूरी तय करने में ढाई घंटे लगते हैं, वहीं अब यह सफर सिर्फ 40 मिनट में पूरा होगा. इसके साथ ही रोजाना दिल्ली में एंट्री करने वाले करीब तीन लाख वाहनों को शहर के अंदर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

कैसा होगा द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली सेक्शन?
द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली सेक्शन भी खास है. 10.1 किलोमीटर लंबे इस हिस्से को 5,360 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यह सेक्शन शिव मूर्ति चौक से द्वारका सेक्टर-21 तक 5.9 किलोमीटर और सेक्टर-21 से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक 4.2 किलोमीटर तक फैला है. यह यशोभूमि, डीएमआरसी की ब्लू और ऑरेंज लाइन, आने वाले बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर बस डिपो को जोड़ते हुए मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए गेम-चेंजर साबित होंगे प्रोजेक्ट्स
सरकार का दावा है कि ये दोनों परियोजनाएं दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए गेम-चेंजर साबित होंगी. एक ओर जहां द्वारका एक्सप्रेसवे यात्रियों के लिए बड़ा सहारा बनेगा, वहीं UER-II भीड़भाड़ वाले इलाकों से ट्रैफिक का दबाव कम करेगा. इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार मिलेगी.