नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन देशों को अलग-थलग करने और बेनकाब करने का आह्वान किया जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी रूप में आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अस्ताना में कजाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में पीएम मोदी की ओर से ये टिप्पणियां कीं. एससीओ को एक सिद्धांत-आधारित संगठन बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इस समय हम अपनी विदेश नीतियों के आधार पर संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, समानता, पारस्परिक लाभ, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, बल का प्रयोग न करने या बल के इस्तेमाल की धमकी के लिए आपसी सम्मान को दोहरा रहे हैं.”
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
‘आतंकवाद से निपटने को प्राथमिकता दें’
उन्होंने कहा कि हमने राज्य की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के विपरीत कोई भी कदम न उठाने पर भी सहमति जताई है. प्रधानमंत्री ने सभी सदस्य देशों से आतंकवाद से निपटने को प्राथमिकता देने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर आतंकवाद को अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि सीमा पार आतंकवाद का निर्णायक जवाब देने की आवश्यकता है. साथ आतंकवाद की फाइनेंसिंग और भर्ती का दृढ़ता से मुकाबला किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन देशों को अलग-थलग करना चाहिए और उन्हें बेनकाब करना चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. हमें अपने युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है. पिछले साल भारत की अध्यक्षता के दौरान इस विषय पर जारी संयुक्त वक्तव्य हमारी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.”
जलवायु परिवर्तन भी बोले पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा, “जलवायु परिवर्तन एक और प्रमुख चिंता का विषय बना हुआ है. वे वैकल्पिक ईंधनों को अपनाने, इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण सहित उत्सर्जन में प्रतिबद्ध कटौती हासिल करने की दिशा में काम कर रहे हैं.”
बता दें कि जयशंकर कजाकिस्तान में एससीओ की 24वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की गई थी. इसके आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं.