राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने लोकसभा चुनाव के नतीजे पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी को ‘अहंकारी’ और विपक्षी INDI गठबंधन को ‘राम विरोधी’ करार दिया है. इंद्रेश कुमार ने कहा, राम सबके साथ न्याय करते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए. जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया. उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया. लेकिन जो उसको पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी.
इंद्रेश कुमार ने आगे कहा, जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी. उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी. सब मिलकर भी नंबर-1 नहीं बने. नंबर-2 पर खड़े रह गए. इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है. सत्य है. बड़ा आनंददायक है.
गुरुवार को इंद्रेश कुमार जयपुर के पास कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे. इंद्रेश RSS के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी हैं. हालांकि, उन्होंने अपने बयान में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर पक्ष-विपक्ष की तरफ संकेत दे रहा था.
इंद्रेश ने बीजेपी के संदर्भ में कहा, जिस पार्टी ने (भगवान राम की) भक्ति की, लेकिन अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया गया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया गया. उन्होंने स्पष्ट रूप से इंडिया ब्लॉक का जिक्र करते हुए कहा, और जिनकी राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें एक साथ 234 पर रोक दिया गया. उन्होंने आगे कहा, लोकतंत्र में रामराज्य का विधान देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वो पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जो वोट और ताकत मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने उनके अहंकार के कारण रोक दी.
उन्होंने कहा, जिन्होंने राम का विरोध किया, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं दी गई. यहां तक कि उन सभी को एक साथ नंबर दो बना दिया गया. भगवान का न्याय सच्चा और आनंद दायक है. उन्होंने कहा, जो लोग राम की पूजा करते हैं उन्हें विनम्र होना चाहिए और जो राम का विरोध करते हैं, भगवान स्वयं उनसे निपटते हैं.
उन्होंने कहा कि भगवान राम भेदभाव नहीं करते और दंड नहीं देते. राम किसी को विलाप नहीं कराते. राम सबको न्याय देते हैं. वो देते हैं और देते रहेंगे. भगवान राम हमेशा न्यायप्रिय हैं और न्यायप्रिय रहेंगे. इंद्रेश ने यह भी कहा, भगवान राम ने लोगों की रक्षा की और रावण का भी भला किया.
मोहन भागवत ने क्या कहा था?
इंद्रेश कुमार की यह टिप्पणी RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान के कुछ दिन बाद आई है. मोहन भागवत ने कहा था कि एक सच्चे ‘सेवक’ में अहंकार नहीं होता और वो ‘गरिमा’ बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है. नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने आगे कहा था, जो सच्चे सेवक हैं, जिसे वास्तविक सेवक कहा जा सकता है, वो मर्यादा से चलता है. उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है, वो कर्म करता है लेकिन कर्मों में लिपटा नहीं होता. उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया. वही सेवक कहने का अधिकारी रहता है. एक सच्चा ‘सेवक’ गरिमा बनाए रखता है. वो काम करते समय मर्यादा का पालन करता है. उसे यह कहने का अहंकार नहीं है कि ‘मैंने यह काम किया’. सिर्फ उस व्यक्ति को सच्चा ‘सेवक’ कहा जा सकता है.