केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से हर राज्यों को आदेश जारी है कि जेल में बंद सभी कैदियों का आधार ऑथेंटिकेशन कराया जाए इसके साथ ही उनकी आईडी को आधार से लिंक किया जाए. इसको लेकर गृहमंत्रालय की तरफ से निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही जेल में बंद कैदियों से मिलने वाले लोगों का भी आधार ऑथेंटिकेशन करने का सख्त निर्देश दिया है.
आधार ऑथेंटिकेशन के लिए होम मिनिस्ट्री ने एक प्रोफार्मा बनाकर दिया है, जिसको मेंटेन करना है. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से उनके जेलों में बंद कैदियों का ब्यौरा मांगा है. जिसमें संख्या, उनका आधार ऑथेंटिकेशन, उनके आईडी का आधार से लिंकेज और 1 जनवरी 2024 से लेकर 30 जून 2025 तक यानी पिछले डेढ़ साल में जेल में कैदियों से मिलने वालों का विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
डेढ़ साल पहले दिए थे गृह मंत्रालय ने आदेश
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में डेढ़ साल पहले (सितंबर2023) सभी राज्यों को पत्र लिखा था. इस सभी राज्य में जेल में बंद कैदियों का ब्यौरा मांगा गया है. इसके साथ साथ आधार लिंकिंग और आधार ऑथेंटिकेशन करवाने के निर्देश दिए गए थे. अब गृह मंत्रालय ने इसको सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है और सभी राज्यों से उसका ब्यौरा भी मांगा है.
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जेल मैनुअल में सुधारों के तहत ई-प्रिजन डेटाबेस तैयार करने के निर्देश सितंबर 2023 में दिया था. इसके तहत कैदियों और उनसे मुलाकातियों का एक डेटाबेस बनाने को कहा था.
लाखों कैदी जेल में बंद
भारत में कई जेल मौजूद हैं, जहां लाखों कैदी बंद हैं. जनवरी 2025 की एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में कुल 5,06,660 कैदी थे. इनमें से लगभग 3.75 लाख कैदी विचाराधीन थे. सरकार ने जेल में मौजूद सभी कैदियों और उनसे मिलने आने वालों का आधार वेरिफिकेशन करने के आदेश जारी किए हैं.