उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक नंदकिशोर गुर्जर का विवादित बयान सामने आया है. डगरपुर गांव में आयोजित एक योग शिविर के दौरान मंच से संबोधित करते हुए उन्होंने एक समुदाय विशेष पर टिप्पणी की, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है.
गुर्जर ने कहा, चारों तरफ ऐसे लोगों को बसाया जा रहा है जिनसे मैं रोज लड़ रहा हूं. पूर्वांचल और मथुरा के लोगों को बसाया जाए तो कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए बसाए जा रहे हैं. विधायक ने दिल्ली और कश्मीर के उदाहरण देते हुए चेतावनी भरे अंदाज में कहा, ओखला, सीलमपुर, मुस्तफाबाद और कश्मीर हमारे हाथों से निकल गए, अब यही गलती यहां मत होने देना.
उन्होंने लोगों से अपील की कि आने वाले एक साल तक कोई भी अपनी जमीन न बेचे. गुर्जर ने आगे कहा कि उन्हें तकलीफ होती है जब क्षेत्र में ऐसे लोग बसते हैं जिनके खिलाफ वह लगातार संघर्ष कर रहे हैं. उनके इस बयान में एक समुदाय को ‘पशु’ कहकर संबोधित करने का भी जिक्र सामने आया है, जिस पर विरोध शुरू हो गया है.
योग शिविर के मंच से आए इस बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. विपक्षी दल इसे समुदाय विशेष को भड़काने वाली टिप्पणी बता रहे हैं, जबकि भाजपा विधायक के समर्थक इसे ‘क्षेत्रीय सुरक्षा की चेतावनी’ करार दे रहे हैं.
हालांकि, अब तक विधायक की ओर से इस बयान पर सफाई नहीं आई है. लेकिन जिस तरह उन्होंने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का हवाला देकर जमीन न बेचने की अपील की है, उससे आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है.