भारत-पाकिस्तान सीमा पर जासूसी की आशंका को देखते हुए राजस्थान प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है. जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों में पाकिस्तानी सिम कार्ड के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि सीमा के पास पाकिस्तान ने मोबाइल टावरों की रेंज बढ़ा दी है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इसका इस्तेमाल जासूसी और अनधिकृत संवाद के लिए हो सकता है. श्रीगंगानगर प्रशासन ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया है.
सीमा से 50 किमी के अंदर आने वाले गांवों में बाहरी लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है. बीएसएफ और स्थानीय पुलिस लगातार हाई अलर्ट पर है.
बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट (इंटेलिजेंस) महेश चंद्र जाट ने आम लोगों के लिए ड्रोन गतिविधियों पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया. उन्होंने कहा, ‘हमें हमेशा सतर्क रहना होगा. लोग समझें कि ड्रोन कैसे काम करते हैं और क्या खतरे ला सकते हैं.’
स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी
इस बीच, जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को फिर से बम की धमकी मिली है. इसके अलावा अलवर, बारां और प्रतापगढ़ जिलों के प्रशासनिक कार्यालयों को भी बम धमकी से जुड़े ईमेल मिले हैं. पुलिस ने स्टेडियम की सुरक्षा बढ़ा दी है और साइबर विशेषज्ञों की मदद से ईमेल भेजने वाले की पहचान करने की कोशिश की जा रही है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जयपुर, अलवर, भरतपुर, कोटा, अजमेर और सीमा जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर और जोधपुर को संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है. इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक सायरन लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें एक केंद्रीकृत कंट्रोल रूम से संचालित किया जाएगा.
इस बीच, हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. बॉर्डर इलाकों में बाजार और दैनिक गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं. बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ (अजमेर) के हवाई अड्डों से उड़ानें भी फिर से चालू हो गई हैं. किशनगढ़ से छह शहरों के लिए उड़ान सेवा शुरू हो चुकी है.
उधर, उदयपुर में टर्की के खिलाफ मार्बल व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि टर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने के विरोध में वे अब वहां से मार्बल नहीं खरीदेंगे. शिक्षा विभाग ने सीमावर्ती इलाकों में परीक्षा व्यवस्था को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं.