सोशल मीडिया पर पुलिस को दी धमकी, 48 घंटे में दबोचा गया कुख्यात अपराधी मौखमसिंह…64 मामले हैं दर्ज

ब्यावर: जिला ही नहीं प्रदेश भर में अपराध जगत में कुख्यात अपराधी मौखमसिंह को जिला पुलिस की ओर से गठित स्पेशल टीम ने दबोच लिया. प्रदेश के टॉप-20 अपराधियों में शुमार मौखमसिंह जिला पुलिस को करीब दो साल से छका रहा था. उसकी ऐलानिया धमकियां और चुनौतियां पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थी. पुलिस मुख्यालय से उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था.

जानकारी देते हुए एसपी सिंह ने बताया है कि अपराधियों की धरपकड़ के लिए जिला पुलिस अधीक्षक रतनसिंह के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र शर्मा, पुलिस उप अधीक्षक ब्यावर राजेश कसाणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. ऑपरेशन त्रिकाल के तहत पुलिस टीम ने डिप्टी कसाणा के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए तकनीकी साक्ष्यों, मुखबिरों की सहायता से मौखमसिंह के छिपने के ठिकानों एवं छिपाने वालों के बारे में विस्तृत जानकारी ली तथा मौके पर दबिश दी.

पुलिस अधीक्षक रतनसिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस टीम ने सूनसान मंदिरों, जंगलों आदि में दबिश देकर मौखम सिंह को वहां से भागने पर मजबूर किया. इसके बाद उसका पीछा किया गया. मौखमसिंह रोजाना अपनी बाइक से 200-300 किलोमीटर की दूरी तय कर रहा था. पुलिस टीम ने ब्यावर सहित अजमेर, भीलवाड़ा, बिजयनगर, आसींद, बदनौर, रास, पीसांगन आदि क्षेत्रों में दबिश देकर शुक्रवार सुबह उसे धरदबोचा. वह करीब दो साल से फरार चल रहा था.

फेसबुक पर दी चुनौती को गंभीरता से लिया

फरारी के दौरान वह अपने फेसबुक एकाउंट पर पुलिस को भी चुनौती दे रहा था. हाल ही में उसने ब्यावर एसपी के नाम एक पोस्ट अपने फेसबुक अकाउंट पर डालकर 25 हजार तो क्या 25 लाख का इनाम भी घोषित कर दे तो मेरे तक नहीं पहुंच सकता ब्यावर एसपी, पोस्ट की थी. एसपी ने इस चुनौती को गंभीरता से लिया और तत्काल उसकी गिरफ्तार के लिए विशेष टीम का गठन कर 48 घंटे के भीतर उसे धर दबोचा.

मुकदमों की लंबी है फेहरिस्त

मौखम पर मुकदमों की लंबी फेहरिस्त हैं. हत्या, डकैती, आर्म्स एक्ट, चोरी, नकबजनी, एक्सटॉर्सन आदि के करीब 64 से अधिक मुकदमे ब्यावर सहित अजमेर, भीलवाड़ा, पाली, राजमसंद जिलों में दर्ज हैं.  वह शातिर किस्म का अपराधी है. पुलिस को चुनौती देना उसका शुरू से काम रहा है. हालांकि पुलिस पकड़ से बच नहीं पाता है. ब्यावर जेल को तोड़कर भागना, अति सुरक्षित मानी जाने वाली अजमेर जेल से फरार हो जाना, भीम जेल से फरार होने जैसी वारदातों को भी अंजाम दिया है.

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