श्रावस्ती : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को भिनगा में दहेज पर प्रहार करने की वकालत की थी. जबकि एक बेटी दहेज की भेंट चढ़ गई. युवती के पिता की तहरीर पर केस तो दर्ज हुआ पर आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए आसान न होगी. इसकी वजह है कि आरोपी सरहद पार रहते हैं.
मल्हीपुर के ग्राम खांवां खुर्द निवासी रामकुमार वर्मा का भरा-पूरा परिवार था. वे दिल्ली में रहकर मेहनत-मजदूरी करते थे. उन्होंने बेटी का विवाह घर से 12 किलोमीटर दूर नेपाल के हुलासपुरवा निवासी रोहित वर्मा से तय किया था. रोहित के परिवार की मांग के अनुसार वह दहेज देने को भी तैयार थे लेकिन दहेज लोभियों ने नवरात्रि से पूर्व पांच लाख रुपये मांगे.
रामकुमार यह पैसा 18 अप्रैल को तिलक में या फिर 30 अप्रैल को विवाह में अपने रिश्तेदारों के सामने देना चाहता था. यह बात रोहित व उसके घरवालों को नागवार लगी. बरीक्षा के बाद से लक्ष्मी व रोहित फोन पर बात करते थे. इन्हीं बातों में रोहित-लक्ष्मी पर अपने पिता से पैसा दिलाने का दबाव बनाने लगा. बात इतनी बढ़ी कि रोहित ने बता दिया कि यदि पैसा नहीं मिला तो विवाह कैंसिल समझो. इससे आहत होकर लक्ष्मी ने मौत को लगे लगा लिया. लक्ष्मी का पोस्टमार्टम कराने के बाद रात नौ बजे उसका अंतिम संस्कार हुआ.
बेटी को डोली में बैठाने की हसरत रही अधूरी
रामकुमार अपनी बेटी को डोली में बैठाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते थे. अपनी औकात से बढ़कर उसने दान-दहेज का इंतजाम किया. दहेज लोभियों ने उसके अरमानों का गला घोंट दिया. जिस बेटी को वह डोली में बैठाने का सपना संजोए था, उसकी अर्थी जाते देख सबकी आंखें नम थीं. अब लोग एक-दूसरे से यही चर्चा करते रहे कि पुलिस अब क्या कार्रवाई करती है. क्योंकि शायद बेटी के गुनहगार तो सरहद पार हैं. पुलिस के लिए सीमा पार से आरोपी दंपति व उसके पुत्र की गिरफ्तारी आसान न होगी. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.