पुलिस ऑफिसर को धमकाना टीएमसी नेता को पड़ा महंगा, कारण बताओ नोटिस जारी, माफी मांगने का आदेश

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के टीएमसी के हैवीवेट नेता अनुब्रत मंडल को कथित रूप से पुलिस ऑफिसर को धमकाना महंगा पड़ा है. तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया और माफी मांगने का आदेश दिया है. कुछ दिन पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने टीएमसी नेता पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और बोलपुर पुलिस स्टेशन के आईसी (इंस्पेक्टर इन चार्ज) को धमकाने का आरोप लगाया था.

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उसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि पार्टी पुलिस अधिकारी के खिलाफ अनुब्रत मंडल की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती है.

इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने अनुब्रत मंडल को समय सीमा देते हुए कहा, “उन्हें बिना शर्त माफी मांगने के लिए चार घंटे का समय दिया गया और कहा कि यदि वह माफी नहीं मांगते हैं तो उस आधार पर भी उन पर मुकदमा चलाया जाएगा.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने टीएमसी नेता पर लगाया आरोप

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया, ”तृणमूल कार्रवाई करने की बात इसलिए कर रही है, क्योंकि ऑडियो क्लिप सामने आ गई है. हर जिले में ऐसे कई उदाहरण हैं. दरअसल पार्टी को अब अनुब्रत की जरूरत नहीं रह गई है.”

हालांकि, तृणमूल अनुब्रत को माफी मांगने का आदेश देने तक ही नहीं रुकी. सूत्रों के अनुसार इस बार राज्य सरकार अनुव्रत पर सुरक्षा कम करने की राह पर है.

 

उन्हें राज्य से वाई+ सुरक्षा प्राप्त थी. जेल से रिहा होने के बाद भी अनुब्रत की सुरक्षा बरकरार रही थी, लेकिन जब वायरल ऑडियो को लेकर राज्य भर में स्थिति बिगड़ने लगी तो नबान्न ने सुरक्षा कम करने का फैसला किया. यह पता चला है कि सरकार ने वाई+ की सुरक्षा में कोई हस्तक्षेप नहीं किया. केवल उनके साथ मौजूद अतिरिक्त पीएसओ को ही हटाया गया है.

 

वायरल कॉल रिकॉर्डिंग से मुसीबत में अनुब्रत

उस कथित ऑडियो क्लिप में बीरभूम के अनुब्रत मंडल को बोलपुर के आईसी लिटन हलदर को अस्पष्ट भाषा में धमकी देते हुए सुना जा सकता है.

 

क्लिप में आईसी को काजोल के आदमी को बुलाते हुए भी सुना जा सकता है. हालांकि, बोलपुर पुलिस स्टेशन ने इस रिकॉर्डिंग के बारे में खुलासा किया है, जिसे सुकांत ने सोशल मीडिया पर साझा किया था. इस दिन आईसी लिटन हाल्डर ने साफ कहा कि यह रिकॉर्डिंग पूरी तरह फर्जी है.

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