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Emergency: ‘धमकियां आ रही हैं, फिल्म का सर्टिफिकेशन रोक दिया गया है’, Kangana Ranaut को जारी करना पड़ा वीडियो

कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का विरोध तेज होता जा रहा है. ट्रेलर रिलीज होने के बाद सिख समुदाय ने इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है. हालांकि ये फिल्म रिलीज के लिए बिल्कुल तैयार है. इसी बीच कंगना रनौत ने खुलासा किया है कि उनकी फिल्म ‘इमरजेंसी’ का सर्टिफिकेशन रोक दिया गया है. कंगना ने X पर एक वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि उनकी फिल्म को मिल रही धमकियों के चलते इसका सर्टिफिक्शन रोक दिया गया है.

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इस वीडियो में कंगना ने कहा, ” पहले ऐसा कहा जा रहा था कि इस फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है, लेकिन ऐसा नहीं है. हमारी फिल्म क्लियर हो गई थी, लेकिन इसकी सर्टिफिकेशन रोक दी गई है क्योंकि बहुत-सी धमकियां आ रही हैं, जान से मारने की. सेंसर वालों को धमकियां मिल रही हैं. ऐसे में हम पर ये प्रेशर है कि इसमें मिसेज गांधी का असेसिनेशन न दिखाएं, पंजाब रॉयट्स न दिखाएं, तो आई डोंट नो कि फिर क्या दिखाएं? क्या हुआ फिल्म अचानक से ब्लैक आउट हो गई. मुझे इस देश की स्थिति के लिए खेद है.”

कंगना रनौत अपनी अपकमिग फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज के लिए तैयार हैं. इसमें अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, विशाक नायर, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन और सतीश कौशिक भी अहम भूमिकाओं में हैं. फिल्म में कंगना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करती नजर आएंगी. ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर 2024 को रिलीज होने वाली है. फिल्म में लीड रोल निभाने के साथ ही कंगना इस फिल्म का प्रोडक्शन और डायरेक्शन भी कर रही हैं. फिल्म की कहानी भारत में साल 1975 में लागू हुई ‘इमरजेंसी’ पर बेस्ड है.

पंजाब में हुआ था काफी विरोध

आपको बता दें कि हाल ही में कंगना की फिल्म का पंजाब में काफी विरोध हुआ था और सिख संगठनों ने इसपर बैन लगाने की मांग उठाई थी. फिल्म के खिलाफ आरोप है कि इसमें सिख समुदाय को नकारात्मक दिखाया गया है, जो उनकी छवि को नुकसान पहुंचाता है. वहीं, अब तेलंगाना के एक सिख संगठन ने फिल्म को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, जिसके बाद सरकार फिल्म पर बैन लगाने के लिए कानूनी सलाह ले रही है.

ट्रेलर लॉन्च से शुरू हुआ विवाद

14 अगस्त को ‘इमरजेंसी’का ट्रेलर रिलीज किया गया था. ट्रेलर लॉन्च के बाद एसजीपीसी ने फिल्म और उसके मेकर्स के खिलाफ नोटिस भी भेजा था. फिल्म के ट्रेलर को लेकर एसजीपीसी का दावा है कि उनमें सिखों को आतंकवादी तरीके से दिखाया गया है, जिस वजह से सिख समुदाय में आक्रोश पैदा हो गया है.

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