बिहार की राजनीति Bihar Politics) में इस समय बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा (Vidhan Sabha Chunav BJP) को करारा झटका देते हुए तीन दिग्गज कुशवाहा नेताओं ने राजद (RJD) का दामन थाम लिया है। लालू प्रसाद यादव के विचारों और तेजस्वी यादव की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा के कई नेता सोमवार को पटना स्थित राजद प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर गए।
RJD में शामिल हुए बीजेपी के ये नेता
राजद में शामिल होने वालों में भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, प्रेमचंद कुशवाहा और रवीन्द्र प्रसाद कुशवाहा प्रमुख हैं। इनके साथ ही जयराम प्रसाद, दरोगा राम और ललन प्रसाद समेत अन्य नेताओं ने भी समर्थकों के साथ लालटेन थाम लिया। राजद के शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुमर राय और प्रवक्ता एजाज अहमद ने सभी नए नेताओं का पार्टी में स्वागत किया।
कुमर राय ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की सामाजिक न्याय की सोच और तेजस्वी यादव के शिक्षा, रोजगार और नौकरी पर केंद्रित विज़न से प्रभावित होकर सैकड़ों शिक्षक और भाजपा नेता राजद की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
तेजस्वी का डबल इंजन सरकार पर हमला
इधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार को बेरोजगारी और गरीबी के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने कहा कि 20 वर्षों से बिहार और 11 वर्षों से केंद्र की सत्ता में रहने के बावजूद नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी बिहार को बेरोजगारी और पलायन से मुक्त नहीं करा पाए।
तेजस्वी ने लिखा कि आज भी बिहार की प्रति व्यक्ति आय दुनिया के गरीब अफ्रीकी देशों युगांडा और रवांडा से भी कम है। बिहार में केला, मखाना, गन्ना, आलू, लीची, मकई और आम जैसी विश्व प्रसिद्ध उपज होती है, लेकिन इसके बावजूद यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित नहीं किए गए।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर बिहार में आईटी कंपनियां क्यों नहीं आईं? यहां आईटी पार्क और सेज (SEZ) क्यों नहीं बनाए जा सके? बिहार में उद्योग-विशिष्ट क्लस्टर क्यों नहीं लगाए गए? उन्होंने पूछा कि सरकार ने बुनकर उद्योग, लघु उद्योग और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा क्यों नहीं दिया?
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार ने भर्ती परीक्षाओं और नियुक्तियों को न तो पारदर्शी बनाया और न ही नियमित। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अब तक युवाओं को रोजगार नहीं दिया तो इस बार चुनाव में युवा ही सरकार को करारा जवाब देंगे।
चुनावी समीकरणों पर असर
भाजपा के नेताओं के राजद में शामिल होने से स्पष्ट है कि चुनावी समीकरणों पर इसका असर देखने को मिलेगा। खासकर कुशवाहा समाज से आने वाले इन नेताओं के राजद में आने से पार्टी को नई ताकत मिलेगी। दूसरी ओर, भाजपा को संगठनात्मक स्तर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।