झारखंड के हजारीबाग जिले में सुरक्षाबलों और माओवादी समूह के बीच हुई मुठभेड़ में तीन प्रमुख माओवादी मारे गए। इस कार्रवाई में पुलिस ने उनके कब्जे से कई हथियार, जिसमें AK-47 राइफल शामिल है, बरामद किए हैं। यह झारखंड पुलिस का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ की शुरुआत तब हुई जब सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि इलाके में माओवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं और कुछ उच्च प्राथमिकता के नक्सली एकत्रित हो रहे हैं। सूचना पर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से घेराबंदी की और नक्सलियों को पकड़ने के प्रयास में ऑपरेशन शुरू किया।
इस मुठभेड़ में सबसे चर्चित नाम सहदेव सोरेन का है, जिस पर एक करोड़ रुपए का इनाम रखा गया था। वह लंबे समय से राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के लिए खतरा बनकर था। पुलिस के अनुसार, सोरेन समेत तीनों माओवादी इस ऑपरेशन में मारे गए। उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है।
ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने पूरी सतर्कता बरती और इलाके में आम लोगों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान दिया। स्थानीय प्रशासन ने भी नागरिकों को सलाह दी कि वे इस दौरान घरों में रहें और सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई माओवादी गिरोह की कमजोरियों को उजागर करती है और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करती है। वहीं, पुलिस का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे ताकि नक्सली तत्वों को राज्य और आम जनता के लिए खतरा बनने से रोका जा सके।
झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों के लिए यह सफलता न केवल सुरक्षा बलों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी एक राहत भरी खबर है। यह ऑपरेशन राज्य में माओवादी गतिविधियों को नियंत्रण में लाने और हिंसा रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।