हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की घटना में 121 लोगों की जान चली गई. इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग हाथरस पुलिस लाइन पहुंचा है. अधिकारियों ने बताया कि 2 जुलाई को हुई घटना के बाद मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर दिल्ली भाग गया था. देर रात पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.
देवप्रकाश मधुकर के वकील एपी सिंह ने शुक्रवार की देर रात दावा किया कि देवप्रकाश ने दिल्ली में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. पुलिस ने बताया कि मधुकर को हाथरस पुलिस की एसओजी टीम ने हिरासत में लिया है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
हाथरस के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मधुकर को दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से हिरासत में लिया गया. हालांकि, पुलिस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर मधुकर की गिरफ्तारी की घोषणा नहीं की है. घटना के संबंध में हाथरस के सिकंदरा राव थाने में दर्ज एफआईआर में वह एकमात्र आरोपी है.
एक वीडियो में मधुकर के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि उनके क्लाइंट ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया है, जहां उनका इलाज चल रहा था. सिंह ने कहा कि आज हमने देवप्रकाश मधुकर को सरेंडर करवा दिया है, जिन्हें हाथरस मामले में एफआईआर में मुख्य आयोजक बताया गया है.
मधुकर का इलाज दिल्ली में चल रहा था. इसलिए हमने पुलिस, SIT और STF को बुलाया था. उन्होंने कहा कि हमने वादा किया था कि हम अग्रिम जमानत के लिए आवेदन नहीं करेंगे, क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया है. हमारा अपराध क्या है? वह एक इंजीनियर और हार्ट पेशेंट है. डॉक्टरों ने बताया है कि उसकी हालत अब स्थिर है. इसलिए हमने जांच में शामिल होने के लिए आज सरेंडर कराया है.
एपी सिंह ने कहा कि पुलिस अब उनका बयान दर्ज कर सकती है या उनसे पूछताछ कर सकती है, लेकिन उन्हें उनकी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके साथ कुछ गलत न हो.
उन्होंने कहा कि हमने अग्रिम जमानत दाखिल करने या अदालत जाने जैसा कुछ नहीं किया, जिसे खुद को बचाने और डरने के प्रयास के रूप में देखा जाता. मधुकर के ठिकाने और उनके भाग जाने के बारे में पूछने पर एपी सिंह ने कहा कि मधुकर जांच में शामिल होंगे और कार्यक्रम में मौजूद असामाजिक तत्वों के बारे में जानकारी शेयर करेंगे.
यूपी पुलिस ने मधुकर की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. 3 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के वकील ने कहा था कि वे सूरजपाल उर्फ नारायण साकर हरि उर्फ भोले बाबा को भी रिप्रेजेंट करते हैं, जिनके सत्संग में भगदड़ मच गई थी. इस घटना के पीछे कुछ असामाजिक तत्व थे. वकील एपी सिंह ने कहा कि सूरजपाल राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए तैयार थे. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की थी.
गुरुवार तक भोले बाबा के सत्संग की आयोजन समिति की सदस्य दो महिला स्वयंसेवकों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में 2 जुलाई को FIR दर्ज की गई थी. इसके बाद 3 जुलाई को प्रदेश शासन ने हाथरस हादसे की जांच के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था.