न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है. सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है. यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठनए स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भोजन करवा सकते हैं. इसके अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री दे सकते हैं.
’’न्योता भोजन’’ विभिन्न त्योहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर भारतीय परम्परा पर आधारित है. न्योता भोजन छात्र-शिक्षक एवं पालक समुदाय के बीच अपनेपन की भावना को विकसित करने का जरिया तो है ही, साथ-साथ पोषण युक्त एवं रूचिकर भोजन दिए जाने से बच्चों की शालाओं में उपस्थिति में वृद्धि होती है. ’’न्योता भोजन’’ का एक अन्य उद्देश्य शाला एवं स्थानीय समुदाय के मध्य आपसी तालमेल को विकसित करना भी है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में आश्रम शाला के बच्चों को अपने जन्मदिवस पर न्योता भोजन कराते हुए इस योजना की शुरुआत की थी. इसी सकारात्मक पहल के तहत जशपुर जिले में सामुदायिक भागीदारी से भोजन को अधिक पोषक बनाने की पहल किया जा रहा है. विगत सितम्बर माह में टांगरगांव कांसाबेल की प्रधान पाठक सकुन्तला बाई चौहान ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में आंशिक न्योता भोजन कराया गया. इस अवसर पर उन्होंने 50 बच्चो को बेल्ट एवं टाई का वितरण भी किया.
इसके साथ ही समय-समय पर कई छात्रावासो और आश्रमों में प्रशासनिक अधिकारियों और शासकीय कर्मचारियों सहित अन्य प्रतिनिधियों और लोगों ने न्योता भोज के माध्यम से बच्चों के साथ भोजन किया जाता है.
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