बिहार के भागलपुर में एक बार फिर पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है. इस संबंध में एक युवक ने कोर्ट में नालसी केस (इस्थगासा) दर्ज कराया है. आरोप लगाया है कि चोरी के एक मुकदमे में पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और जबरन अपराध कराने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने उसके हाथ और पैर को रस्सी से बांध दिया और तलवों में 100 से अधिक डंडे बजाए. इसके बाद पुलिस ने बांड भरवाकर उसे छोड़ दिया था.
मामला भागलपुर के सुलतानगंज थाने का है. पीड़ित की शिकायत पर कोर्ट ने इस थाने के तीन एएसआई समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ नालसी वाद दर्ज किया है. पीड़ित राहुल पुत्र संजय चौधरी निवासी विनोबा नगर ने बताया कि वह पूर्व में सुलतानगंज थाने के मद्य निषेध विभाग एलटीएफ की गाड़ी में ड्राइवर रहा है. बताया कि 25 अप्रैल को वार्ड संख्या एक में रहने वाले डब्लू राजहंस के घर चोरी हुई थी.
29 अप्रैल की आधी रात की घटना
इस संबंध में डब्लू राजहंस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इसी मामले में सुल्तानपुर पुलिस ने उसे 29 अप्रैल की रात करीब 12 बजे घर से पूछताछ के बहाने उठाया और थाने में लाकर बेरहमी से मारपीट की. पीड़ित के मुताबिक पुलिस ने चोरी की इस वारदात को कबूलवाने के लिए उसके हाथ और पैरों को रस्सी से बांध दिया और फिर तीन एएसआई ने उसके तलवों में 100 डंडे मारे. पूरे दिन थाने में रखने के बाद पुलिस ने शाम को पीआर बॉन्ड भरवाने के बाद उसे छोड़ दिया.
इलाज के बाद पहुंचा कोर्ट
पीड़ित के मुताबिक घर पहुंचते ही उसकी हालत खराब हो गई. परिजनों ने उसकी बिगड़ती तबियत को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से इलाज के बाद वह अब घर पहुंचा है. पीड़ित के मुताबिक इस मामले में उसने पुलिस के आला अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने कोर्ट में नालसी वाद दाखिल किया है. इधर, सुल्तानगंज थानाध्यक्ष से इ संबंध में पूछा गया तो उन्होंने इस आरोप को सिरे से खारिज किया. कहा कि पुलिस क्यों किसी को मारेगी.