बांधवगढ़ : टाइगर रिजर्व की पनपथा कोर रेंज में वनराज के क्रूर रूप का नज़ारा देखने को मिला. यहां एक बाघ ने न सिर्फ एक तेंदुए का शिकार किया, बल्कि उसका आधे से अधिक शरीर खा भी गया.घटना की जानकारी तब मिली जब सुबह गश्ती दल को सियारों के झुंड के आसपास मांस की गंध महसूस हुई. जब वन अमला वहां पहुंचा तो उन्हें तेंदुए का क्षत-विक्षत शव मिला, जिसमें केवल सिर, रीढ़ की हड्डी, पूंछ और कुछ अन्य अंग शेष थे.
टैरेटरी फाइट का अंदेशा
वन विभाग के अनुसार, यह मामला बाघ और तेंदुए के बीच हुई भयंकर लड़ाई का है. मौके पर मिले बाघ के पगमार्क और संघर्ष के निशान इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि यह बाघ की अपनी क्षेत्रीय सीमा (टैरेटरी) की रक्षा करने की लड़ाई थी. तेंदुए की मौत 72 घंटे पहले होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन उसके शरीर के ज्यादातर हिस्से गायब होने की वजह से उसकी उम्र और लिंग का निर्धारण नहीं हो सका है.
डॉग स्क्वॉड की मदद से जांच जारी
जैसे ही घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई, तुरंत जांच शुरू कर दी गई. मौके पर पहुंची टीम ने डॉग स्क्वॉड की मदद से इलाके में छानबीन की. चारों ओर खरोंच और संघर्ष के गहरे निशान मिले, जो इस घातक मुठभेड़ की गवाही दे रहे थे.
बांधवगढ़ में वन्यजीवों का बढ़ता संघर्ष
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपने बाघों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन हाल के वर्षों में यहां बाघों और अन्य वन्यजीवों के बीच संघर्ष के मामले बढ़े हैं.इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जंगल का असली राजा कौन है। बाघ न सिर्फ ताकतवर शिकारी है, बल्कि अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.