सिंगरौली में बाघिन की दस्तक, संजय गांधी टाइगर रिजर्व से निकलकर माड़ा के जंगलों में पहुंची टी-60

सिंगरौली:  संजय गांधी टाइगर रिजर्व से निकल कर एक बाघिन टी-60 सरई के जंगलों से होते हुए माड़ा के वन्य क्षेत्र में पहुंच गई है. इसकी जानकारी होने के बाद वन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. वन अमले द्वारा मुनादी कराकर ग्रामीणों को इस बारे में जानकारी देकर सतर्क भी किया जा रहा है.

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बताया जा रहा कि वर्तमान में बाघिन टी-60 का मूवमेंट नादो के आसपास है. कॉलर आईडी के माध्यम से उसकी हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक सरई क्षेत्र के जंगल में ही कभी कभार बाघों का मूवमेंट होता रहा है, लेकिन वहां से निकलकर पहली बार माड़ा के आसपास जंगलों में बाघ की आमद हुई है.

जानकारी मिलने पर वन अमले को सक्रिय किया गया है. इसके साथ संजय गांधी टाइगर रिजर्व की एक टीम भी कॉलर आईडी के सहारे बाघिन की मूवमेंट पर नजर बनाए हुए है. बताया जा रहा है कि टाइगर रिजर्व में रहने वाले बाघ अमूमन नए रहवास की तलाश में आसपास के जंगलों में चले आते हैं.

इस बाघ के मामले में भी ऐसा ही है. प्रयास किया जा रहा है कि उसका रुख वापस सीधी के संजय गांधी टाइगर रिजर्व क्षेत्र की ओर हो जाए.फिलहाल, नादो और साजापानी सहित वन्य क्षेत्र में बसे एवं सटे गांवों व टोलों के ग्रामीणों को जंगल में न जाने व सतर्क रहने के लिए गुरुवार को दिनभर मुनादी कराई गई.

वही वन मंडलाधिकारी सिंगरौली अखिल बंसल ने बताया कि  बाघ के मूवमेंट पर पूरी तरह नजर है.इस तरह अपने रहवास से निकल कर अन्य क्षेत्रों में आने वाले वन्य जीव कुछ दिन में वापस चले जाते हैं.अमले को उसकी सक्रियता वाले क्षेत्रों में ग्रामीणों को सतर्क करने व आमदरफ्त रोकने के लिए कहा गया है.यहां से हटाने या भगाने का कोई उपाय नहीं कर सकते.

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