सुपौल : सदर प्रखंड की सुखपुर पंचायत स्थित प्रसिद्ध तिल्हेश्वरनाथ महादेव मंदिर पर्यटकीय सुविधाओं से लैस होगा. मंदिर परिक्षेत्र को पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए 75230000 की राशि की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है.
चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रथम किस्त के रूप में 18807500 की निकासी और व्यय की स्वीकृति भी दी गई है. यह जानकारी जिलाधिकारी कौशल कुमार ने दी है. जानकारी हो कि मंदिर के विकास का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने सौंपा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिले में अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इसकी घोषणा की थी.
सुखपुर स्थित तिल्हेश्वर नाथ महादेव के प्रति इस क्षेत्र के लोगों की पूर्ण आस्था है. तिल्हेश्वर स्थान के संबंध में कई रोचक घटना एवं जनश्रुतियां सुनी-सुनायी जाती है. स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर ऊंचे टीले पर बनाया गया था. अत: टिलेश्वर कहलाया जो कालांतर में तिल्हेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुआ. परंतु क्षेत्र के लोगों के द्वारा तिलेश्वर, तिलकेश्वर आदि नामों से भी पुकारा जाता है.
यहां अवस्थित शिवलिंग जमीन के तल से लगभग दस फीट की गहराई में है. मंदिर स्थित शिवलिंग के संबंध में कहा जाता है कि यह शिवलिंग स्वयंभू है. स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले यह क्षेत्र घने जंगलों से आच्छादित था और क्षेत्र के चरवाहे गाय चराया करते थे. किसी स्थान विशेष पर गाय स्वत: दूध देने लगती थी.
निरंतर ऐसा होते देख चरवाहों ने मिलकर उक्त स्थल की सफाई की और आसपास के गांव वालों को बताया. इसके बाद उक्त स्थल की खुदाई की गई और शिवलिंग प्रकट हुआ. यहां महाशिवरात्रि, नरक निवारण चतुर्दशी पर भक्तों की काफी भीड़ होती है. सावन में एक महीने तक भक्तों का तांता लगा रहता है. दूर-दूर से भक्त कांवर लेकर भी जलाभिषेक के लिए आते हैं.
आसपास के जिले के भक्तों के अलावा नेपाल से भी लोग यहां पूजा करने के लिए आते हैं. इस योजना के अंतर्गत यहां शौचालय ब्लाक, चेंजिंग रूम, पाथ वे, चारदीवारी तथा जन सुविधाओं और घाट निर्माण किया जाएगा. इस योजना को पूरा करने के लिए तिथि भी तय कर दी गई है. 12 महीने में योजना को पूर्ण किया जाएगा. जन सुविधाओं के बढ़ने से यहां आनेवाले भक्तों की संख्या में इजाफा होगा. इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास का द्वार भी खुलेगा.