आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू के घी में मिलावट का मामला गरमाता जा रहा है. जांच में यह बात सामने आई है कि एआर डेयरी को महज 320 रुपए किलो के भाव से घी सप्लाई का ठेका दिया गया था और नंदिनी घी का टेंडर रद्द किया गया था. बाद में जुलाई में घी मे मिलावट पाई गई तो फिर से नंदिनी घी को 470 रुपए किलो के भाव से ठेका दिया गया है.
एक रिपोर्ट के हवाले से आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि, पिछली जगनमोहन रेड्डी सरकार में बालाजी मंदिर में प्रसाद में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी. जगन मोहन ने कहा कि दावे गलत हैं और नायडू भगवान के नाम से सियासत कर रहे है.
टेंडर में हुआ नियमों का उल्लंघन
आजतक के हाथ घी के टेंडर की कॉपी लगी है जिसने खरीद प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक टेंडर की शर्तों का उल्लंघन किया गया और घी को जांच के लिए नहीं भेजा गया. टेंडर के क्लॉज 80 के अनुसार आपूर्ति की गई घी की प्रत्येक खेप के लिए एनएबीएल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना जरूरी है.
इसके अलवा टेंडर क्लॉज 81 के अनुसार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी के नमूनों को लैब परीक्षण के लिए भेजना अनिवार्य है. सवाल उठ रहे हैं कि अगस्त 2023 और जुलाई 2024 के बीच ब्लैक लिस्टेड कंपनी के पहले के नमूनों में ये मिलावट कैसे नहीं पकड़ी गई? क्या टीटीडी ने एनएबीएल/लैब परीक्षण के लिए नमूने नहीं भेजे? क्या ब्लैक लिस्टेड कंपनी ने उस बैच का एनएबीएल प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया जिसमें मिलावट पाई गई थी?
टीटीडी ईओ बोले- 320 रुपये/किलो का रेट उचित नहीं
टीटीडी के ईओ राव ने कहा, “चारों सैंपल की रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे आए हैं. इसलिए हमने तुरंत सप्लाई रोक दी. ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई और जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी. अब कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी. गुणवत्ता में कमी का कारण इन-हाउस लैब का न होना, सैंपल को जांच के लिए बाहरी लैब में भेजना और उचित दरें न होना है.”
उन्होंने बताया कि आपूर्तिकर्ताओं ने इन कमियों का फायदा उठाया और 320 से 411 रुपये के बीच घी की आपूर्ति की. उन्होंने कहा कि शुद्ध गाय के घी की आपूर्ति के लिए यह प्राइस बैंड उचित नहीं है.
नड्डा बोले- कराएंगे जांच
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बात की है और तिरुपति लड्डू मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है. नड्डा ने कहा कि इस मामले की भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा जांच की जाएगी तथा उचित कार्रवाई की जाएगी.
टीडीपी का दावा
इससे पहले तेलुगु देशम पार्टी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “गोमांस की चर्बी” की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी.प्रयोगशाला रिपोर्ट में नमूनों में “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है.
नमूने लेने की तारीख नौ जुलाई, 2024 थी और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई की थी. आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी), जो प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है, की ओर से हालांकि प्रयोगशाला रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई.