मुर्शिदाबाद। बंगाल में चुनाव के बीच हिंसा अब आम बात हो गई है। मर्डर, हाथ पाँव काट देना या फिर यौन हिंसा अब वहां आम बात हो गई है। यहां तक की चुनाव में लोगों को डराने देसी बम तक इस्तेमाल किए जाते है। अधिकतर इन चुनावी हिंसा का जिम्मेदार टीएमसी को पाया गया है। हर बार की तरह इस बार भी लोकसभा चुनावों के बीच तृणमूल कांग्रेस का नेता/कार्यकर्ता लोगों को चुनाव से दूर रखने देसी बम बना रहा था। लेकिन ये देसी बम उसके हाथ में ही फट गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना मुर्शिदाबाद की है। कार्यकर्ता का नाम जिन्ना अली है।
घटना के संबंध में डेक्कन क्रॉनिकल ने रिपोर्ट प्रकाशित की है। बताया गया है कि विस्फोट बुधवार को हुआ था। पड़ोसियों ने रात में जब ये आवाज सुनी तो वो भागकर जिन्ना के घर गए। वहां उन्होंने जिन्ना को बेहोश और खून से लथपथ देखा।
स्थानीय फौरन उसे बीरभूम इलाज के लिए लेकर गए। बाद में मुर्शिदाबाद के कांग्रेस प्रवक्ता जयंत दास ने इस संबंध में बताया कि टीएमसी के कार्यकर्ता क्रूड बम बना रहे थे ताकि प्रतिद्वंदी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले डराया जा सके।
रिपोर्ट में बताया गया कि इस घटना के संबंध में चुनाव आयोग ने भी संज्ञान लिया है। चुनाव आयोग ने राज्य पुलिस और जिला प्रशासन से घटना के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि बेहरामपुर के बुरवान गांव के मुनई कांद्रा में घटना घटी है उस पर रिपोर्ट दी जाए। ये जगह पोलिंग स्टेशन के 50 यार्ड के भीतर है। 13 मई को यहां लोकसभा चुनाव होने हैं।
बंगाल में देसी बम फेंकने की घटना हो रही आम
बता दें कि बंगाल में चुनावों के समय में देसी बमों का मिलने की घटनाएं हर चुनाव में सामान्य होती जा रही हैं। मुर्शिदाबाद में पिछले साल बड़ी तादाद में देसी बम मिल चुके हैं। पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव तक में बमबाजी की जाती है।
पिछले साल ही पंचायत चुनाव की रिपोलिंग के दिन तालाब के पास मुर्शिदाबाद में 35 बम मिले थे। इसी तरह इन चुनावों में भी प्रथम चऱण की वोटिंग वाले दिन बमबाजी की घटनाएँ सामने आई थीं। भाजपा कार्यकर्ता के घर के बाहर भी बम मिले थे।