पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णनगर से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनके लोकसभा क्षेत्र के 9 मजदूरों को उनके कार्यस्थल से कथित तौर पर ‘अपहरण’ कर लिया है।
इधर मोइत्रा के बयान पर बस्तर सांसद महेश कश्यप ने पलटवार कर कहा कि, ये बस्तर है बंगाल नहीं, पुलिस अपना काम करेगी। टीएमसी ने बंगाल को बर्बाद किया है, इसलिए वे बस्तर की चिंता ना करें। महेश कश्यप ने कहा कि महुआ मोइत्रा को बस्तर के बारे में कोई भी बयान देने का अधिकार नहीं है।
वहीं सांसद मोइत्रा के बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, छत्तीसगढ़ मिनी इंडिया है, लेकिन यहां दूसरे प्रदेश से आए लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं। सरकार को गलत जानकारी सार्वजनिक करने से बचना चाहिए। सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए उन्हें रोहिंग्या कह रही है।,
सांसद महुआ मोइत्रा ने 15 जुलाई को वीडियो जारी कर कहा कि, इन मजदूरों के परिवार चिंता में हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने न तो उनके परिवारों को और न ही पश्चिम बंगाल सरकार को इस बारे में कोई जानकारी दी है।
छत्तीसगढ़ में सरकार और पुलिस द्वारा संचालित अपहरण का सिलसिला चल रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर जिले के अल्बेरापाड़ा में एक निजी स्कूल के निर्माण कार्य में लगे 9 बंगाली राजमिस्त्री को रविवार (13 जुलाई) को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
जगदलपुर जेल में बंद करने का आरोप
उन्होंने कहा, ‘9 मजदूरों को बस्तर के पास जगदलपुर जेल में बंद किया गया है, उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 128बी (पहचान छिपाकर आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।’
महुआ ने एक पुलिस अधीक्षक के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि अधिकारी ने दावा किया कि इन मजदूरों पर आदिवासी महिलाओं के साथ रेप का आरोप है, जिसकी जांच चल रही है। हालांकि, महुआ ने इसे ‘फर्जी आरोप’ करार दिया और कहा कि यह ‘सरकारी अपहरण’ है।