40 लाख बीमा राशि पाने के लिए युवक ने रची मौत की झूठी कहानी, बिलासपुर से पकड़ा गया

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपने पिता का कर्ज चुकाने के लिए खुद की मौत का नाटक रच डाला। युवक ने 40 लाख रुपये की बीमा राशि पाने के लिए अपनी बाइक, मोबाइल और जूते को नदी किनारे छोड़कर खुद को लापता कर लिया। हालांकि पुलिस और साइबर टीम की जांच में उसकी चालाकी उजागर हो गई और आखिरकार उसे बिलासपुर के तोरवा इलाके से पकड़ लिया गया।

मामला पामगढ़ थाना क्षेत्र का है। तैनाद निवासी तिलक राम श्रीवास ने अपने छोटे बेटे 21 वर्षीय कौशल श्रीवास की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 19 अगस्त को कौशल घर से यह कहकर निकला था कि वह घूमकर आएगा, लेकिन देर रात उसकी बाइक, मोबाइल और जूते शिवनाथ नदी के पैसर पुल पर मिले। इससे परिजनों को अनहोनी का डर सताने लगा और पुलिस को सूचना दी गई।

गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद SDRF और गोताखोरों की टीम ने चार दिन तक नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच, साइबर टीम ने युवक के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले और पता लगाया कि वह जिंदा है। इंस्टाग्राम चैट और एक कॉल के जरिए पुलिस को उसकी लोकेशन का पता चला।

पुलिस ने युवक को बिलासपुर के तोरवा से सुरक्षित बरामद कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसके पिता पर एक लाख रुपये का कर्ज था और वह मानसिक तनाव में था। उसके नाम पर 40 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी थी, इसलिए उसने खुद को मृत दिखाकर परिवार को आर्थिक मदद दिलाने की योजना बनाई थी।

कौशल ने बताया कि वह घटना के बाद पैदल पामगढ़ से बस द्वारा बिलासपुर गया और फिर दिल्ली के फरीदाबाद तक पहुंचा। मोबाइल ट्रैकिंग से बचने के लिए उसने अपना फोन रास्ते में फेंक दिया था। हालांकि पुलिस की सख्त निगरानी और साइबर ट्रैकिंग से उसकी साजिश नाकाम हो गई।

यह मामला इस बात की गवाही देता है कि कर्ज और मानसिक तनाव इंसान को किस हद तक खतरनाक कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकते हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई से युवक की जिंदगी बच गई और एक बड़ा बीमा फ्रॉड होने से टल गया।

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