उत्तर प्रदेश के कासगंज में अंधविश्वास का एक चौकाने वाला मामला सामना आया है. यहां अंधविश्वास के चलते पांच दिन तक एक मृतक को जिंदा करने का प्रयास किया गया. दरअसल किसी जहरीले कीड़े के काटने से युवक की मौत हो गई थी, लेकिन घरवालों के अंधविश्वास के चलते उन्होंने मृतक को जिंदा करने के लिए झाड़-फूंक कराना शुरू कर दिया.
मामला कासगंज जिले के अमांपुर थाना के बीनपुरा गांव का है. यहां पांच अगस्त को 26 वर्षीय युवक की जहरीले कीड़े के काटने से मृत्यु हो गई थी, लेकिन परिजन और गांव वाले युवक को मृत नहीं मान रहे थे. उन्होंने तांत्रिक और नीम हकीम की मदद से झाड़ फूंक कराना शुरू कर दिया और ढोंग के सहारे मृतक को जीवित करने का प्रयास करने लगे.
पांच दिन तक चलता रहा अंधविश्वास का खेल
बंगाल से आई एक महिला पांच दिन तक मृतक को जिंदा करने के लिए अंधविश्वास का खेल करती रही और लोग खड़े होकर तमाशा देखते रहे. बीनपुरा गांव निवासी महादीपक पुत्र सोरन सिंह को पांच अगस्त की रात को सोते समय किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया था, जिसके बाद अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने युवक को मृत घोषित कर दिया था. इसके परिजन एक उम्मीद के साथ युवक को जिंदा करने के लिए बंगाल से तांत्रिक महिला को बुला लिया. महिला ने गढ्ढे में पानी भरकर शव को रखवा दिया और ढ़ोल, थाली बजाकर इसे जिंदा करने का टोटका करती रही.
तमाशा देखते रहे लोग
पांच दिन तक मृतक को जिंदा करने के लिए अंधविश्वास का खेल चलता रहा. लोग खड़े होकर तमाशा देखते रहे, जबकि बंगाल की महिला युवक को जिंदा करने का दावा कर रही थी. पूरा गांव इस अंधविश्वास के चक्कर में महिला के बहकावे में आ गया. सूत्रों के मुताबिक पुलिस भी इस अंधविश्वास के खेल में पड़ना नहीं चाहती थी, प्रशासन भी गांव वालों के आगे नाकाम साबित रहा. चौथे दिन मृत युवक की नाक फूट गई, तब तांत्रिकों ने युवक को मृत समझा. इसके परिवार वालों ने शव को गंगा में जल प्रवाह कर दिया. घटना को लेकर मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है.