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आज ओडिशा के बालासोर में ‘खतरनाक’ मिसाइल की टेस्टिंग, 10 हजार लोग शिफ्ट किए गए

ओडिशा के बालासोर जिले के 10 गांवों से 10,581 लोगों को अस्थाई तौर पर हटाया गया है. क्योंकि DRDO किसी मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है. किसी भी मिसाइल की टेस्टिंग से पहले रेंज की तैयारी की जाती है. जिसके तहत इन ग्रामीणों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है. उन्हें इसके लिए मुआवजा भी दिया गया है.

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DRDO किस तरह की मिसाइल की टेस्टिंग करने जा रहा है, इसके बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन मिसाइल की टेस्टिंग चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के लॉन्च पैड 3 से होगी. जिन लोगों को रेंज से हटाया गया है, वो रेंज के आसपास साढ़े तीन किलोमीटर के इलाके में रहते हैं. बालासोर जिला प्रशासन ने इनके रहने की अलग से व्यवस्था की है.

जिला प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के लिए इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इससे पहले जिले के डीएम आशीष ठाकरे, एसपी सागरिका नाथ और DRDO के अधिकारियों की बैठक हुई थी. इसके अलावा आसपास के गांवों के लोगों को भी अलर्ट किया गया है.

जिला प्रशासन ने जिन लोगों को हटाया है उन्हें पहले ही बता दिया था कि आपको 24 जुलाई 2024 की सुबह चार बजे घर छोड़ कर अस्थाई कैंप में जाना होगा. जब कहा जाएगा तब आप अपने घर पर वापस जा सकते हैं. लोगों को जो मुआवजा दिया गया है, वो उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा. हर एक वयस्क को 300 रुपए. बच्चे को 150 रुपए और 75 रुपए खाने के लिए दिए गए हैं.

DRDO सुपरसोनिक मिसाइल असिस्‍टेड टॉरपीडो सिस्‍टम (S.M.A.R.T) का परीक्षण कर सकती है. यह अगली पी‍ढ़ी की मिसाइल आधारित स्‍टैंडऑफ टॉरपीडो डिलीवरी प्रणाली है. यह प्रणाली टॉर‍पीडो की पारंपरिक सीमा से कही अधिक एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई है. यह मिसाइल प्रणाली उन्‍नत टेक्‍नोलॉजी की है. इसमें टू-स्‍टेज़ सॉलिड प्रोपल्‍सन इलैक्‍ट्रो-मैके‍निकल एक्‍चुएटर्स तथा प्रिसिजन इनर्शल नैवीगेशन हैं. यह लंबी दूरी को कवर कर सकती है.

प्रलय मिसाइल कम दूरी की सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 150 से 500 km है. प्रलय की स्पीड 1200 km/hr है. लेकिन यह बढ़कर 2000 km/hr तक जा सकती है. कम रेंज का फायदा ये है कि यह सीमा के पास मौजूद दुश्मन के अड्डों को चुटकियों में खत्म कर देगी. अगर सीमा के पास से इसे दागे तो चीन या PAK के बंकरों, तोपों, मिलिट्री बेस या उनके हथियार डिपो को खत्म करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

प्रलय मिसाइल की एक्यूरेसी और गति ही इसे सबसे ज्यादा घातक बनाती है. 5 टन वजनी यह मिसाइल अपनी नाक पर 500 से 1000 किलोग्राम वजन का पारंपरिक हथियार ले जा सकती है. इस मिसाइल को बनाने में तीन मिसाइलों की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. ये मिसाइलें हैं- प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3.

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