इटारसी। सिवनी मालवा के गडरीपुरा निवासी एक 13 वर्षीय बच्चे के जबड़े में पिछले 15 दिनों से फंसी एक ढाई इंच की लकड़ी का टुकड़ा गुरुवार को सर्जरी द्वारा निकाला गया। चिकित्सकों ने करीब 2 घंटे की जटिल सर्जरी के बाद बच्चे की जान बचाई।
लकड़ी मुंह में कान के पास फंसी हुई थी, इस वजह से बच्चे के गाल से पस आना शुरू हो गया था, खाने-पीने की तकलीफ होने लगी थी, साथ ही पूरे चेहरे पर सूजन आ गई थी।
गडरीपुरा निवासी मजदूर देवीसिंह ने बताया कि 15 दिन पहले उनका 13 वर्षीय बेटा प्रहलाद दायमा बकरी चराने जंगल में गया हुआ था, यहां से वापस लौटने पर उसने बताया कि उसे बकरी ने सींग मार दिया है, इससे उसके जबड़े में चोट आ गई है।
स्वजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उसका इलाज कराया, इसके बाद वह तकलीफ बढ़ने पर भोपाल गया, उसकी जांच के बाद दूसरे अस्पतालों में 50 हजार रुपये सर्जरी का खर्च बताया गया, लेकिन मजदूर परिवार के पास इलाज के लिए इतने रुपये नहीं थे।
दो दिन पहले उसका परिवार उसे लेकर नर्मदा अपना अस्पताल पहुंचा, जहां संचालक डा. राजेश शर्मा, जनरल सर्जन डाॅ. गौतम बनर्जी, निश्चेतना विशेषज्ञ अनूप सक्सेना, तौसीफ खान, पीटर मीणा, राजेश रघुवंशी, ज्योति मोहन गढ़वाल, परवीन खान एवं ओटी की टीम ने दो घंटे की सर्जरी के दौरान बच्चे के गाले से लेकर कान तक देखा, जहां कान के पास ही एक लकड़ी का टुकड़ा नजर आया। इसे निकालना बेहद जटिल था। बाद में जोखिम उठाते हुए चिकित्सकों ने सर्जरी कर उसे निकाला। परिवार की माली हालत ठीक न होने पर अस्पताल प्रबंधन ने न्यूननतम खर्च पर ही बच्चे का इलाज कर दिया।
बच्चे की मां लक्ष्मीबाई ने अस्पताल प्रबंधन का आभार जताया। प्रबंधक मनोज सारन ने बताया कि बच्चे की हालत बिगड़ गई थी, उसे संक्रमण हो गया था। खान पीना बंद होने के बाद वह तकलीफ लेकर इलाज के लिए काफी भटकता रहा।
बाद में अस्पताल ने उसकी सर्जरी करने का निर्णय लिया। स्वजनों ने बताया कि संभवत: उनका बेटा किसी पेड़ पर चढ़ा था, जहां उसके जबड़े में लकड़ी लग गई, लेकिन डर की वजह से उसने बताया कि बकरी ने सींग मार दिया है।