दमोह : विनोद की आदत थी कि सुबह-शाम बच्चियों के साथ जरूर खेला करते थे.मुझे सब सामान्य लगा.सुबह सात-साढ़े सात बजे बच्चियां जागीं.विनोद उनके साथ खेल रहे थे। पूछा आज क्या खाओगी.बीच वाली बेटी ने समोसा खाने की इच्छा जताई। विनोद ने हंसते हुए उससे कहा… समोसा खाएगी तो मोटी हो जाएगी.वे बच्चियों को लेकर बाजार गए. इसके बाद उनकी मौत की खबर आई.
यह दर्द है जूली का जिसके पति विनोद ने दमोह में पहले तीन बेटियों को जहर खिलाया, फिर खुद खा लिया.तीनों को हटा अस्पताल लाया गया.
बड़ी बेटी खुशबू (7) ने जिला अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया.अस्पताल में पिता विनोद, बेटी महक (डेढ़ साल) और खुशी (5) की मौत हो गई. परिवार हरियाणा के भिवानी जिले से शादी में शामिल होने दमोह आया था.चारों का अंतिम संस्कार गृहगांव में किया गया.
दो दिन बाद वापस जाने वाले थे, आज हत्या कर दी दमोह जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर मुहरई गांव में दसोदा बाई का घर. यहां 10 दिन पहले ही उनके बेटे की शादी हुई है.घर के आगे सूखे तोरन आज भी लगे हैं.शादी की पंगत में दसोदा बाई ने पूरे गांव को बुलाया था.
शादी में शामिल होने आए रिश्तेदार चले गए हैं.नई बहू भी मायके गई हुई है.हरियाणा से आई उनकी बड़ी बेटी जूली अहिरवाल और दामाद विनोद अपनी तीन बेटियों के साथ रुके थे.
सोमवार दोपहर उनके घर के सामने एक बार फिर भीड़ है.रोने-चीखने की आवाज आ रही है.यहां मौजूद हर शख्स हैरान है, आखिर ऐसा कैसे हो गया?
दरअसल, हरियाणा से आए उनके दामाद विनोद ने तीन बेटियों को जहर खिलाने के बाद खुद भी जहर खा लिया.चारों की मौत हो गई.
दसोदा बाई की बड़ी बेटी और विनोद की पत्नी जूली अहिरवाल कहती हैं, ‘वो तो मुझे और बेटियों को लेकर 15 मई को वापस हरियाणा जाने वाले थे.हमारा टिकट भी हो गया था.लेकिन, अब क्या होगा.क्या कहूं.
करीब आठ साल पहले भिवानी में मेरी शादी हुई थी.विनोद गाड़ी चलाते थे.मैं घर और अपनी बेटियां संभालती हूं। भाई की शादी के लिए 11 अप्रैल को ही आ गई थी.25 अप्रैल को भाई की लगुन थी, इससे एक दिन पहले विनोद आए। 5 मई को बारात जाने से पहले उन्होंने शराब पी ली.उनका रिश्तेदारों से झगड़ा हो गया.मैंने उन्हें बारात नहीं जाने दिया.वे बहुत गुस्सा हुए और शराब पीने लगे.
वो तीनों बेटियों को बहुत चाहते थे.ससुराल में भी वो रोज ही जब भी समय मिलता तीनों को बाजार लेकर जाते.उन्हें मनपसंद चीज खिलाकर लाते थे.भाई की शादी के लिए जब से यहां आए थे, हर रोज बच्चियों को बाजार लेकर जाते। कभी आइसक्रीम, तो कभी समोसा खिलाकर लाते थे.
आज विनोद सुबह करीब 6 बजे जाग गए थे.मैं मां के साथ थोड़ी देर पहले जागी थी.उनके साथ घर की साफ सफाई में लगी थी.विनोद ने चाय का कहा.विनोद, मां और अपने लिए चाय बनाई.विनोद ने घर तो कभी आंगन में टहलते हुए चाय पी। तीनों बेटियां उस समय सो रही थीं.विनोद उन्हें सोते में बार-बार आकर देख रहे थे.
उनकी आदत थी कि सुबह-शाम बच्चियों के साथ जरूर खेला करते थे.मुझे सब सामान्य लगा.सात-साढ़े सात बजे वो जागीं। विनोद ने उन्हें खिलाया। पूछा आज क्या खाओगी। बीच वाली बेटी ने समोसा खाने की इच्छा जताई।
विनोद ने हंसते हुए उससे कहा… समोसा खाएगी तो मोटी हो जाएगी।
सुबह 9 बजे के करीब नहा-धोकर तैयार हुए। मुझसे बेटियों को तैयार करने कहा। मैंने तीनों को तैयार कर दिया। इतने में विनोद पड़ोसी गजेंद्र की बाइक लेकर आ गए। तीनों बच्चियों को लेकर जाने लगे।
दो बच्चों ने हटा के अस्पताल में दम तोड़ा। एक ने जिला अस्पताल जाते समय दम तोड़ा।
जाते समय विनोद ने कहा- मम्मी से बाय कहो… तीनों बच्चियां हाथ हिलाकर बार-बार बाय कहती रहीं
मैं घर के अंदर आ गई। वे तो रोज ही बच्चियों को लेकर जाते थे। एक-डेढ़ घंटे में वापस भी आ जाते थे।
आज देर कर दी, तो मैं दरवाजे पर आ उनकी राह देखने लगी। लेकिन, विनोद दूर तक नजर नहीं आ रहे थे। मैं पानी पीने अंदर गई और फिर दरवाजे पर आ गई।
इतने में दूर से गजेंद्र भइया बाइक से आते दिखे। सोचा बाइक तो विनोद लेकर गए थे। गजेंद्र कैसे लेकर आ रहे हैं। विनोद बेटियों को लेकर कहां रुक गए।
जैसे ही, गजेंद्र पास आए मैंने बाहर निकलकर उन्हें रोका। उनसे विनोद के बारे में पूछा।
गजेंद्र भैया ने कहा, विनोद बच्चियों के साथ तलाब के पास बैठे हैं। मुझे थोड़ा अटपटा सा लगा। ऐसा पहले तो हुआ नहीं था।
काफी देर तक नहीं लौटे, धूप-गर्मी बढ़ती जा रही थी। मैंने छोटे भाई को पूरी बात बताई। उससे कहा कि जीजा और बच्चियों को लेकर आ जाए।
वो जीजा को लेने घर से निकलने वाला ही था कि मोहल्ले के तीन-चार लड़के हांफते हुए आ गए।
उन्होंने कहा- जीजी, जीजा और आपकी तीनों बेटियों को कुछ हो गया है। चारों तालाब किनारे उलट-पुलट हो रहे हैं।
इतना सुनते ही मेरी तो जान हलक में आ गई। चीखते हुए नंगे पांव तालाब की ओर भागी। पीछे-पीछे घर और गांव के बाकी लोग भी आ गए। वहां का नजारा देखते ही कलेजा बैठ गया।
मेरे बच्चे और पति तालाब किनारे तड़प रहे थे। मैं कभी पति को हिलाती, तो कभी बच्चियों को। कुछ समझ नहीं आ रहा था।
मदद के लिए चिल्लाने लगी, गांव के लोग सब को लेकर अस्पताल आ गए।
सास बोलीं- दिल का बुरा नहीं था दामाद
जूली की मां और विनोद की सास दसोदा बाई कहती हैं, वो तो हमारी खुशियां दोगुनी करने आई थी। समझ नहीं आ रहा, ये क्या हो गया। उसका अब क्या होगा। विनोद शराब तो बहुत पीता था, लेकिन दिल का बुरा नहीं था। जूली से जितना लड़ता था, उससे ज्यादा प्यार भी करता था। परेशान कभी नहीं किया। तीनों नातिनों को भी बहुत चाहता था।
जिस दिन बारात जानी थी, सुबह से ही विनोद ने शराब पीना शुरू कर दिया था। घर के लोगों से उसने झगड़ा भी किया। इसके बाद जूली ने उसे बारात में नहीं जाने दिया। उसे डर था कि कहीं वो दूसरे के दरवाजे पर हंगामा नहीं कर दे।
उस दिन तो वो गुस्से में था, लेकिन दूसरे दिन जब नशा उतरा तो ठीक हो गया था.हम उसे हमेशा शराब से दूर रहने कहते थे.
लेकिन, उसने आज तो शराब भी नहीं पी थी.बेटियों को समोसा खिलाने ले गया था.उन्हें समोसा खिलाया या नहीं ये पता नहीं। तालाब पर कैसे पहुंच गया और क्या खाया क्या, खिला दिया कुछ पता नहीं.
परिचित ने ही कराई थी हरियाणा में शादी जूली के भाई सचेंद्र अहिरवार ने बताया कि करीब 8 साल पहले उनके ही गांव में रहने वाले परिवार ने हरियाणा के विनोद से बहन का रिश्ता तय कराया था.जिस परिवार ने रिश्ता तय कराया था, उनकी बेटी का विवाह भी हरियाणा में हुआ है.
बहन के ससुराल वालों से बात हुई है.उनका कहना है कि अंतिम संस्कार हरियाणा में ही होगा.
तालाब पर जाने से पहले दूसरे गांव गया था विनोद बताया जा रहा है कि विनोद अपने पड़ोसी गजेंद्र की बाइक लेकर बेटियों के साथ पहले पास के ही गांव हिनौता भी गया था। वहां से आने के बाद उसने गांव के बाजार में गजेंद्र को बाइक वापस दे दी। इसके बाद तीनों बेटियों को लेकर तालाब पर आ गया। जहां उसने खुद जहर खाया और बेटियों को जहर खिला दिया।
पिता ने 3 बेटियों को जहर खिलाकर खुद खाया, मौत
दमोह में एक पिता ने अपनी 3 बेटियों को जहर खिलाकर खुद भी खा लिया। घटना में चारों की मौत हो गई। वह सुबह बेटियों को बाजार में समोसा खिलाने का कहकर ले गया था। पड़ोस के एक युवक ने उन्हें तालाब किनारे तड़पते देखा तो उनके घरवालों को सूचना दी.