टॉमी रॉबिन्सन: विवादों और आंदोलनों से घिरा चेहरा

लंदन में हाल ही में हुए एंटी-इमिग्रेशन मार्च के पीछे जिस शख्स का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है टॉमी रॉबिन्सन। असली नाम स्टीफन यैक्सले-लेनन रखने वाले रॉबिन्सन ब्रिटेन में लंबे समय से विवादों और सुर्खियों में बने रहे हैं। खुद को फ्री स्पीच का पुरोधा कहने वाले रॉबिन्सन का अतीत क्रिमिनल रिकॉर्ड और जेल की सजा से भरा पड़ा है।

टॉमी रॉबिन्सन ने ब्रिटेन में ‘इंग्लिश डिफेंस लीग’ नामक संगठन की नींव रखी थी। यह संगठन इमिग्रेशन और इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाना जाता है। समय के साथ रॉबिन्सन कट्टर एंटी-इमिग्रेशन चेहरे के रूप में उभरे। उन्होंने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर कई बार सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा कि इमिग्रेशन से ब्रिटेन की संस्कृति और रोजगार व्यवस्था खतरे में पड़ रही है।

रॉबिन्सन पर कई बार अदालत की अवमानना और हिंसक गतिविधियों से जुड़े आरोप लगे हैं। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। इसके बावजूद उनके समर्थक उन्हें “जनता की आवाज” और “फ्री स्पीच का रक्षक” मानते हैं। उनका कहना है कि रॉबिन्सन वह बोलते हैं, जो आम लोग सोचते हैं लेकिन कह नहीं पाते।

हाल ही में लंदन में हुए एंटी-इमिग्रेशन मार्च को रॉबिन्सन का खुला समर्थन मिला। उनकी अपील पर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और यह विरोध हिंसक रूप ले बैठा। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, कई लोग घायल हुए और कुछ गिरफ्तारियां भी हुईं।

विशेषज्ञों का मानना है कि रॉबिन्सन का प्रभाव केवल विरोध प्रदर्शनों तक सीमित नहीं है। वे ब्रिटेन की राजनीति और समाज में इमिग्रेशन पर बढ़ते असंतोष की प्रतीक बन गए हैं। आलोचक उन्हें विभाजन फैलाने वाला बताते हैं, तो समर्थक उन्हें एक साहसी नेता के रूप में देखते हैं।

यह साफ है कि टॉमी रॉबिन्सन का नाम आने वाले दिनों में और सुर्खियों में रहने वाला है। उनकी गतिविधियां ब्रिटेन की राजनीति, समाज और कानून व्यवस्था पर गहरा असर डाल रही हैं और इमिग्रेशन बहस को और भी तीखा बना रही हैं।

Advertisements
Advertisement