उत्तर प्रदेश में जाति आधारित प्रदर्शन और रैलियों पर रोक लगने के बाद राजनीति शुरू हो गई है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने योगी सरकार के इस जाति वाले आदेश पर पलटवार किया है. दरअसल, नए आदेश में दलित/हरिजन ऐक्ट को इससे अलग रखा गया है. मगर अखिलेश यादव ने ‘दलित कार्ड’ खेलते हुए योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सबसे ज्यादा अन्याय दलितों के साथ हो रहा है, कल को यह कहेंगे कि हरिजन एक्ट भी नहीं लिखा जाएगा. हमें उम्मीद है न्याय मिलेगा जब बीजेपी हटेगी.
अब FIR में भी जाति का उल्लेख नहीं
यूपी सरकार ने सोमवार को एक बड़ा आदेश जारी करते हुए जाति आधारित रैलियों रैलियों और प्रदर्शनों पर रोक लगा दी. यहां तक की यूपी में अब FIR में जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा. एफआईआर गिरफ्तारी मेमो, गाड़ियों पर लिखे जातिसूचक शब्द और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर भी कड़ी निगरानी रहेगी.
HC के आदेश के बाद UP सरकार का फैसला
दरअसल, कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया था और कहा था कि पुलिस रिकॉर्ड और सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के नाम के साथ जाति ना बताई जाए. एफआईआर और गिरफ्तारी मेमो में भी जाति का जिक्र नहीं किया जाए. हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद यूपी सरकार ने सोमवार को ‘जाति वाला फैसला’ सुनाया.