स्वच्छता में अव्वल, अब हवा भी साफ… देवास बना स्वच्छ वायु का दावेदार

देवास शहर ने स्वच्छता के साथ अब हवा की गुणवत्ता सुधार में भी बड़ा कदम बढ़ाया है। शहर का पीएम 10 इंडेक्स पिछले दो सालों में घटकर 105 से 89 पर आ गया है, जिससे यहां की आबोहवा बेहतर हुई है। इसी उपलब्धि के चलते देवास अब स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो गया है।

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दरअसल, भारत सरकार ने 2017 में देशभर में हवा की गुणवत्ता की स्टडी शुरू की थी। इसके बाद 2019 में क्लीन एयर प्रोग्राम की शुरुआत हुई और 2022 में इसे औपचारिक रूप से लागू किया गया। इसी के तहत 131 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा कराई जाती है और बेहतर हवा वाले शहर को पुरस्कार दिया जाता है। देवास 2022 में तीन लाख तक की आबादी वाले शहरों में देशभर में प्रथम स्थान पर रहा था।

10 इंडेक्स 100 से ऊपर रहा

हालांकि इसके बाद लगातार पीएम 10 इंडेक्स 100 से ऊपर रहा। इसका बड़ा कारण शहर में निर्माण कार्य, उखड़ी सड़कें और खेतों में पराली जलाने से बढ़ता प्रदूषण था। लेकिन नगर निगम और प्रशासन के प्रयासों से स्थिति में सुधार आने लगा। शहर में धूल उड़ने से रोकने के लिए स्वीपिंग मशीनें मंगाई गईं, जो सुबह और रात को सड़कों की सफाई करती हैं। कच्ची जगहों पर पैवर ब्लॉक लगाए गए। खेतों में पराली जलाना प्रतिबंधित कर दिया गया और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई भी की जा रही है।

सिर्फ प्रदूषण ही नहीं, हरियाली बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। सिटी फॉरेस्ट विकसित किया गया, औद्योगिक क्षेत्र में गार्डन बनाए गए और शंकरगढ़ पहाड़ी को हराभरा करने का काम किया गया। इन कदमों का सीधा असर हवा की गुणवत्ता पर दिखा है। साल 2023 में देवास का पीएम 10 इंडेक्स 105 था, जो 2024 में घटकर 99 पर और 2025 में और सुधार के साथ 89 पर आ गया। यह शहर के लिए बड़ी उपलब्धि है। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का कार्यक्रम 9 सितंबर को दिल्ली में होगा, जहां अन्य शहरों की तुलना के बाद विजेता का ऐलान होगा। देवास नगर निगम के कमिश्नर को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है।

अधिकारियों ने क्या कहा

नोडल अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि निगम लगातार नवाचार कर रहा है, जिसका असर साफ हवा के रूप में दिख रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी देवास को बड़ा सम्मान मिलेगा और शहर के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी।

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