अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया के तमाम देशों पर टैरिफ की घोषणा के बीच भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के हित सर्वोपरि रहेंगे और किसी भी दबाव में आकर बातचीत नहीं की जाएगी.
गोयल ने पत्रकारों से कहा, “मैंने पहले भी कई बार कहा है कि हम बंदूक की नोक पर डील नहीं करते. समयसीमा अच्छी होती है क्योंकि वे बातचीत को तेज करती हैं, लेकिन जब तक हम देश और जनता के हितों की रक्षा करने में सक्षम नहीं होते, तब तक जल्दबाज़ी करना उचित नहीं होता.”
केंद्रीय मंत्री का यह बयान इसके बाद आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों पर लगाए गए पारस्परिक शुल्कों पर रोक लगाने की घोषणा की. चीन पर अब 145 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा. भारत समेत 75 देशों को टैरिफ से अब 90 दिनों की राहत मिली है.
गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सभी व्यापार वार्ताएं ‘इंडिया फर्स्ट’ की भावना के साथ और ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में आगे बढ़ रही हैं
.500 अरब डॉलर तक बढ़ेगा दोनों देशों के बीच व्यापार
भारत और अमेरिका ने इस साल के पतझड़ (सितंबर–अक्टूबर) तक अपने व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है, और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने की योजना है.
भारत और वाशिंगटन ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद 2025 के पतझड़ तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत पूरी करने पर सहमति जताई है. भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) व्यापार समझौते पर गोयल ने कहा कि जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होते हैं, तभी वार्ता आगे बढ़ती है.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “मैं केवल इतना कह सकता हूं कि सभी व्यापार वार्ताएं ‘इंडिया फर्स्ट’ की भावना और विकसित भारत 2047 की दिशा में अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं. मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्रता से निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.”
भारत और यूरोपीय संघ के साथ बातचीत जारी: जयशंकर
उधर, इस डील पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों के साथ व्यापार समझौते को लेकर तेज़ी से प्रयास कर रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने भारत के प्रस्तावों पर तत्परता से प्रतिक्रिया दी है. जयशंकर ने कहा, “प्रशासन में बदलाव के एक महीने के भीतर ही हमारे बीच इस बात पर सैद्धांतिक सहमति बन गई कि हम एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता करेंगे, और ऐसा समाधान निकालेंगे जो दोनों पक्षों के लिए काम करे, क्योंकि हमारी चिंताएं भी हैं. यह प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए नहीं है.