जसवंत नगर: नगर में एक मुसीबत जो रोज दर्द देती है. मरीज हो या विद्यार्थी, अफसर हो या कर्मचारी, किसान हो या नौजवान राहगीर जो भी सदर बाजार की सड़कों पर नौ बजे से शाम पांच बजे के बीच आया वो कहीं न कहीं जाम में फंसता जरूर है.
छोटे से कस्बा में बड़ा सा जाम लोगों को रुला तक देता है अब कौन कहे कि जाम की समस्या किसी एक दिन का नही, रोजाना की मुसीबत है. लोग प्रशासन को कोस रहे है कि आखिर इन जाम से मुक्ति कौन दिलाएगा और प्रशासन कर क्या रहा है.
नगरवासियों को जाम की समस्या से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। रोज जाम की समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ रहा है. जिला व स्थानीय प्रशासन का कोई ध्यान है न ही नगर पालिका प्रशासन ही कोई ध्यान दे रहा है. ट्रैफिक व्यवस्था सही नहीं होने की वजह से सदर बाजार में खरीददार व पैदल चलने वाले लोग, वाहन चालक परेशान होने को विवश हो रहे हैं.
जाम की वजह से स्कूली वाहन, एंबुलेंस भी घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं. आज भी पूरे बाजार में जाम की समस्या से लोग जूझते रहे जिसके कारण लोग घंटों तक परेशान होते रहे. यह स्थिति किसी एक दिन की नहीं है बल्कि अस्थायी हो गयी है. मिनटों का सफर घंटों में तय करने को लोग मजबूर हो रहे हैं.
जाम का प्रमुख कारण बन रहा ई-रिक्शा का संचालन
नगर में ई-रिक्शा की संख्या में बढ़ोतरी होने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. रोजाना व्यस्त बाजार में ई-रिक्शा के कारण जाम लगना आम बात हो गई है. जाम में फंसकर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. जबकि नगर पालिका और पुलिस ने कोई भी ट्रैफिक प्लान नहीं बनाया है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. पूरा नगर जाम की जद में है. इसका मुख्य कारण ई-रिक्शा का बेतरतीब संचालन माना जा रहा है. नगर में काफी संख्या में ई-रिक्शा का संचालन होने से मेन बाजार में रोजाना जाम लगना आम बात हो गई.
जाम में फंसकर नागरिकों को घंटों खुलने का इंतजाम करना पड़ता है। इससे परेशानी के साथ-साथ समय भी बर्बाद होता है।चालक अपने ई-रिक्शा को बेतरतीब ढंग से चलाते हैं, जो जाम का कारण बनता है। जाम लगने पर दूर-दूर तक दोनों ओर ई-रिक्शा ही नजर आते हैं। जाम में फंसकर लोग परेशान होते रहते हैं. अधिशासी अधिकारी श्याम वचन सरोज ने बताया कि जल्द ही एक बैठक की जाएगी और इसके समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे.