इंदौर में दर्दनाक हादसा, कार पर जा पलटा ट्राला, कार सवार महिला की मौत,बाइक सवार का शव टुकड़ों में मिला

इंदौर। बायपास पर शुक्रवार शाम प्लास्टिक दाने से भरा ट्राला पलट गया।अनियंत्रित ट्राले ने पहले एक बाइक सवार को चपेट में लिया। इसके बाद डिवाइडर लांघते हुए दूसरी लेन में चल रही कार पर पलट गया।कार में महू से कान्ट्रेक्टर विजय अग्रवाल का परिवार था। हादसे में विजय की 55 वर्षीय पत्नी शीतल की मौत हो गई।

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कनाड़िया टीआई सहर्ष यादव के मुताबिक घटना शाम करीब सवा सात बजे की है। ट्राला(एनएल 01एएफ 5274)तेजाजी नगर से देवास की ओर जा रहा था।

यूनो पार्क के सामने ट्राला ने एक बाइक सवार को टक्कर मारी और घसीटते हुए 20 फीट ले गया।

रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि ट्राला 15 फीट चौड़ा डिवाइडर लांघ गया और दूसरी लेन में चल रही कार(एमपी 09एसजे 0999) पर पलट गया।

कार माणक चौक महू निवासी 23 वर्षीय संस्कार अग्रवाल चला रहा था।

उसकी मां शीतल अग्रवाल और बहन कार में बैठी थी। कार चकनाचूर हो गई और तीनों उसमें ही दबे रह गए।

पुलिस ने क्रेन और ट्रक चालकों की मदद से कार के सब्बल से दरवाजे व कांच तोड़ कर तीनों को बाहर निकाला।

रात में शीतल की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। संस्कार बीकाॅम का छात्र है।

उसके पिता विजय अग्रवाल मिलेट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस कान्ट्रैक्टर हैं।

संस्कार और उसकी मां व बहन माल से खरीदी कर घर जा रहे थे।

बाइक सवार को बीस फीट तक घसीटा, तिरपाल में लपेटना पड़ा शव

कनाड़िया बायपास हुए हादसे को देखकर लोग दंग रह गए।

टक्कर मारने के बाद भी ट्राला नहीं रुका।

बाइक चालक बाइक सहित पहियों के बीच में फंस गया।

ट्राला उसको 20 फीट दूर तक घसीटते हुए ले गया।

आखिर में डिवाइडर कूद गया और कार पर पलटी खा गया।

गनीमत रही कार ट्राला और उसके कैबिन के बीच के हिस्से में दबी।

एसीपी कुंदन मंडलोई के मुताबिक मिलेट्री इंजीनियर सर्विस कान्ट्रैक्टर विजय अग्रवाल और उनका परिवार बाहर जाने की तैयारी कर रहा था।

उनका बेटा संस्कार अपनी मां शीतल और बहन के साथ माल में खरीदी करने आया था।

घटना से कुछ देर पूर्व ही उन्होंने विजय को काॅल कर बताया था कि वो रवाना हो गए हैं।

यूनो माल के सामने पहुंचे ही थे कि ट्राला के नीचे दब गए।

राहगीर अर्पित के मुताबिक ट्राॅले ने बाइक को टक्कर मारी तब एक कार चपेट में आने से बच गई।

उसमें भी परिवार बैठा था। ट्राला लहराते हुए चल रहा था।

बाइक उसके बीच में फंस गई थी। चालक नियंत्रित नहीं कर सका और उसने दाईं तरफ मौड़ा।

तेज रफ्तार होने के कारण ट्राला डिवाइडर पर चढ़ा और दूसरी लेन में आ गया।

सामने से संस्कार की कार आई और कैबिन और ट्राला के हिस्से में दब गई।

ट्रक चालकों से सब्बल मांगे,रस्से से खींचकर निकाला। ट्राला चालक मौके से भाग चुका था।

कार में तीन लोग दबे हुए थे।लोगों को रोका और मदद मांगी।

ट्रक चालकों से सब्बल लेकर कार के दरवाजे तोड़े। रस्से से दरवाजों को खींचा।

संस्कार,शीतल और आस्था बुरी तरह फंसी हुई थी। उन्हें निकालने में काफी मशक्कत करना पड़ी।

सड़क पर डीजल फैल चुका था। आग लगने का डर सता रहा था।

ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था के लिए कंट्रोल रूम को सूचना दी।

कुछ देर बाद क्रेन भी पहुंच गई। करीब 45 मिनट बाद तीनों को बाहर निकाल लिया।

महिलाओं के वस्त्र फट चुके थे। आस्था मां का पूछ रही थी। उसने मेरा हाथ कसकर पकड़ रखा था।

मैंने बताया मां और भाई ठीक है। संस्कार के पैर और हाथ में फ्रेक्चर थे। हाथ लगाते ही चीख पड़ता था।

कनाड़िया टीआइ सहर्ष यादव ने बताया बड़ी मुश्किल से उसे एम्बुलेंस ले पहुंचाया गया।

पुलिस के मुताबिक ट्राला में प्लास्टिक दाना भरा हुआ था।

क्रेन लगाकर पूरा ट्राला खाली किया तो एक शव निकाला।

शव को समेट कर तिरपाल में भरना पड़ा। उसकी पहचान नहीं हुई है।

लोगों ने बताया ट्राला में क्लीनर भी था। उसका अभी तक पता नहीं चला है।

हादसे के बाद बायपास पर दो किमी तक जाम लग गया।

सैंकड़ों ट्रक,कार और दो पहिया वाहन फंस गए।

ट्राला हटाने के लिए चार क्रेन और भारी वाहन लगाने पड़े।

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