बगहा : नारायणपुर घाट पर गंडक नदी को पार करते वक्त एक दर्दनाक हादसा हुआ.जिसने न केवल दो परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया बल्कि घाट पर सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. 15 लोगों से भरी एक नाव नदी पार कर रही थी. जब अचानक घने कुहासे की वजह से नदी में बने एक एक पुराने पुल के पिलर से टकरा गई.
इस टक्कर के चलते नाव का संतुलन बिगड़ गया, और नाव पर सवार पांच लोग नदी में गिर गए. स्थानीय गोताखोरों ने तेजी से तीन लोगों को बचा लिया, लेकिन दो युवक, मुकेश कुमार (25) और अजय यादव (18), अब भी लापता हैं.
लापता युवक: परिवारों की चिंता और दर्द
लापता युवकों में योगेंद्र यादव के पुत्र मुकेश कुमार और कुबेर यादव के पुत्र अजय यादव शामिल हैं, जो अपने खेतों की देखरेख के लिए गंडक नदी पार कर रहे थे. अचानक हुए इस हादसे ने इन परिवार पर दुखों का पहाड़ खड़ा कर दिया है.
मुकेश के पिता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने उसे सुबह खेत जाने के लिए भेजा था, यह नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। अब सिर्फ उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं.
स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और एसडीआरएफ को भी बुलाया गया है. लापता युवकों की तलाश के लिए व्यापक स्तर पर खोज अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन ने राहत कार्यों को गति देने का आश्वासन दिया है और लोगों को विश्वास दिलाया है कि वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
नारायणपुर घाट की सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने नारायणपुर घाट पर सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि घाट पर सुरक्षा मानकों की कमी और प्रशासन की लापरवाही के चलते इस प्रकार की घटनाएं बार-बार होती हैं.नारायणपुर घाट के निवासी ने बताया कि नाव जब किनारे से रवाना हुई, तो घने कुहासे के कारण पिलर दिखाई नहीं दिया और हादसा हो गया. उन्होंने बताया कि यहां के घाट पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.
घाट पर डर और चिंता का मासके.
हादसे के बाद से नारायणपुर घाट पर डर का माहौल है. ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन कठोर कदम उठाए ताकि गंडक नदी पार करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके लोग चाहते हैं. कि नाव संचालन के लिए लाइफ जैकेट्स, उचित रोशनी, और घाट पर पक्के सुरक्षा इंतजाम किए जाएं. घाट पर लापता युवकों के परिजन बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे हैं, और हर आते-जाते नाव की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं.
सुरक्षा सुधार की जरूर
सवाल उठता है कि क्या इस घटना के बाद प्रशासन जागेगा और नारायणपुर घाट पर जरूरी सुरक्षा इंतजाम करेगा, या फिर यह सिर्फ एक और हादसे की कहानी बनकर रह जाएगा?