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ट्रेनें-बसें रोकीं, बीजेपी-TMC कार्यकर्ता भिड़े, 6 राउंड फायरिंग… बंगाल बंद पर बवाल

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर मामले को लेकर सियासत तेज है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर सूबे की ममता बनर्जी सरकार है. बीजेपी सीएम ममता को घेरने में जुटी है. इस बीच बीजेपी ने आज पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के लिए सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक के लिए बंद बुलाया है. ये बंद मंगलवार को राज्य सचिवालय नबन्ना तक मार्च में हिस्सा लेने वालों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुलाया गया है. बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है. बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल को पत्र लिखा है और छात्रों को रिहा करने की मांग की है.

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हालांकि, ममता बनर्जी सरकार ने इस बंद की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने लोगों से बीजेपी के बंद में भाग नहीं लेने की अपील की है. सरकार ने नोटिस जारी कर कहा है कि सभी कर्मचारियों को दफ्तर आना है. कोई भी छुट्टी, कैजुअल लीव सैंक्शन नहीं की जाएगी. अगर कोई दफ्तर नहीं आएगा तो उसे कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा.

जेपी नड्डा ने ममता बनर्जी पर बोला हमला

कोलकाता कांड पर ममता सरकार घिरती जा रही है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रहार करते हुए कहा कि बंगाल में बेटी के साथ निर्ममता की सारी हदें पार कर दी है. वहीं, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा है कि हम भी चाहते हैं कि न्याय मिले अब सबकुछ सीबीआई के हाथ में है.

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस संगीन अपराध के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए. बीते दिन नबन्ना अभियान के तहत हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतरे. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार भी की. इस दौरान 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने 100 से प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और कोलकाता के अलग-अलग थानों में कई केस दर्ज किए.

बंगाल के राज्यपाल ने क्या कहा?

पुलिस-पब्लिक के बीच संग्राम की स्थिति रही. कोलकाता की सड़कों पर कल जो कुछ दिखा इस पर बंगाल के गवर्नर सीवी आनंदबोस ने कहा कि लोकतंत्र के लिए इससे खराब कुछ भी नहीं हो सकता था. लोग तिरंगे के साथ इंसाफ मांगने को लेकर नारे लगा रहे थे, लेकिन ममता सरकार लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार और राष्ट्रीय भावना के साथ खिलवाड़ कर रही थी. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिल्ली चलो का नारा दिया था, लेकिन यहां के लोग जस्टिस के लिए नबन्ना चलो का नारा दे रहे हैं. जंगलराज, गुंडाराज लोगों के दिलों दिमाग से खत्म होना चाहिए. बंगाल को एक पीसफुल स्टेट बनना चाहिए.

राज्यपाल ने ये भी कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोगों को करने देने चाहिए, जिसकी इजाजत भी राज्य सरकार ने नहीं दी. ऐसा जान पड़ता है कि सरकार क्रिमिनल्स को प्रोटेक्ट कर रही है और प्रदर्शनकारियों पर हमला कर रही है. इन हत्यारों के खेल को रोकें. बंगाल के लोग न्याय, न्याय और सिर्फ न्याय चाहते हैं. बंगाल की जनता तैयार है. हम इस पर काबू पा लेंगे.

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