छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नौकरी के नाम पर ठगी और लड़कियों को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। पीड़ित लड़कियों का आरोप है कि उन्हें 25 से 30 हजार रुपए सैलरी वाली सरकारी नौकरी का झांसा देकर बुलाया गया और फिर बंधक बना लिया गया। उनके मोबाइल फोन छीन लिए गए, घर वालों से बात नहीं करने दी गई और आधी रात को लड़कों को सोशल मीडिया के जरिए फंसाने का दबाव बनाया गया।
पीड़िता ने बताया कि उसे कंपनी के सीनियर ने भरोसा दिलाया था कि पढ़ाई-लिखाई की कोई जरूरत नहीं, यहां काम से ही भविष्य बनेगा। लेकिन जैसे ही ट्रेनिंग शुरू हुई, चार दिन में ही पूरा माइंडसेट बदलने की कोशिश की गई। पांचवें दिन इंटरव्यू (अप्रूवल) के नाम पर दबाव बनाया गया कि नए लड़कों को भी भर्ती करवाओ तभी पेमेंट मिलेगा। पीड़िता का कहना था कि कंपनी में किसी को भी असल में काम नहीं करना होता, बल्कि सबको अपने जैसे और लोगों को फंसाकर लाना पड़ता है।
लड़कियों का कहना है कि कंपनी के झांसे में आकर यहां करीब 150 से 200 लड़कियां फंसी हुई हैं।
जॉब के नाम पर मांगते थे 46,000 रुपए
एक अन्य पीड़िता ने बताया कि उससे 3000 रुपए ट्रेनिंग फीस मांगी गई और बाद में 46,000 रुपए जमा करने का दबाव बनाया गया। घर वालों को झूठ बोलना पड़ा कि गवर्नमेंट जॉब मिली है और लाइसेंस और नॉमिनी के नाम पर पैसे देने होंगे। कंपनी में हर वक्त उनकी निगरानी होती थी। यहां तक कि वॉशरूम या सोने तक जाने पर भी नजर रखी जाती थी।
पीड़िता ने कहा- हमें कहा जाता था कि फेसबुक-इंस्टाग्राम पर लड़कों को फंसाओ, उन्हें कंपनी में बुलाओ। अगर घर जाने की बात करते तो धमकी देते कि घरवालों को बता देंगे कि तुम बॉयफ्रेंड बाजी करती हो।
खाना भी समय पर नहीं दिया जाता था। लड़कियों के मुताबिक, सुबह-रात को ही थोड़ा-सा खाना मिलता था और रात 2-3 बजे तक लड़कों से सोशल मीडिया पर चैट करने के लिए मजबूर किया जाता था।