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बिना वजह अपराधी जैसा सुलूक’, सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर बोलीं पत्नी, सपोर्ट में उतरी कांग्रेस-AAP 

लद्दाख प्रशासन ने आज क्लाइमेट एक्टिविस्ट और शिक्षाविद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है. इसे लेकर उनकी पत्नी और कई पार्टियों की प्रतिक्रिया सामने आई है. सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने गुस्से में कहा कि मेरे पति के साथ बिना किसी कारण के अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा है.  बता दें कि सोनम वांगचुक को लेह में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के 2 दिन बाद उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार किया गया. वांगचुक को लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया.

वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सोनम वांगचुक को अरेस्ट कर लिया गया है, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. जिस तरह से केंद्र सरकार कल से उनके पीछे पड़ी है, उसे देखते हुए ऐसा लग रहा था कि ऐसा कुछ हो सकता है. उनसे भी वादे किए गए थे, जैसे हमसे किए गए थे.अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि केंद्र सरकार अपने वादों से मुकर क्यों रही है.

उधर, आम आदमी पार्टी सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ आज शाम 7 बजे प्रदर्शन करेगी. प्रदर्शन जंतर मंतर पर होगा. इस प्रोटेस्ट में दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज मौजूद रहेंगे.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ़्तारी बेहद परेशान करने वाली है. शांति, स्थिरता और सच्चाई के आजीवन समर्थक रहे सोनम को सिर्फ़ अपने वादों को पूरा करने की मांग करने पर सज़ा दी जा रही है. आज लेह में कर्फ्यू लगा हुआ है और इंटरनेट बंद है, जो कश्मीर के लंबे समय से चले आ रहे हालात की भयावह प्रतिध्वनि है. आज के भारत में सत्ता के सामने सच बोलने की भारी कीमत चुकानी पड़ती है, वरना एक ऐसा व्यक्ति जो जीवनभर शांति और अहिंसा के पक्ष में खड़ा रहा, आज सलाखों के पीछे कैसे पहुंच गया.

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि मुझे अभी पता चला कि सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह एक सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन्होंने खुद को लद्दाख के लिए समर्पित कर दिया है. ये पूरी तरह से अवांछित कदम है. लद्दाख के लोग हमेशा से अपने शांतिप्रिय स्वभाव के लिए जाने जाते हैं,  कार्यकर्ताओं का एक समूह पिछले 6 वर्षों से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. इन कार्यकर्ताओं में से दो गंभीर रूप से बीमार पड़ गए. इसे देखते हुए युवा उत्तेजित हो गए थे. सरकार ने एक तस्वीर शेयर की है जिसमें एक कांग्रेस पार्षद कथित तौर पर लोगों को भड़काते हुए दिखाई दे रहा है. कांग्रेस पार्षद ने इसे चुनौती देते हुए कहा है कि वह नहीं थे. इस हिंसा में किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता की कोई संलिप्तता नहीं थी. स्थानीय कांग्रेस इकाई ने पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही कहा कि कांग्रेस को दोष देना गलत है, वहां की सरकार ने पूरी घटना को ठीक से नहीं संभाला.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने कहा कि ये गिरफ्तारी सरकार के चुनिंदा प्रतिशोध और डर दिखाने की नीति को दर्शाती है. पार्टी ने आरोप लगाया कि यह कदम उस संकट का ध्यान हटाने की कोशिश है, जो सरकार की नाकामियों और जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की अनदेखी से पैदा हुआ. पार्टी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना पीएम मोदी-भाजपा सरकार का ऐसा कदम था, ताकि लोगों पर नियंत्रण बढ़ाया जा सके और लद्दाख के संसाधनों को कॉरपोरेट्स को सौंपा जा सके. सरकार ने लोगों की पूर्ण राज्य, छठी अनुसूची का दर्जा, रोजगार, और पर्यावरण सुरक्षा जैसी मांगों को नजरअंदाज कर वांगचुक पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें जिम्मेदार ठहरा दिया.

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