मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट वा राजगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप गुरुवार को राजगढ़ जिले के प्रवास पर रहे, जहां उन्होंने शासकीय विभागों की बैठक में भाग लिया और भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की समस्याएं भी सुनी।
वही राजगढ़ जिला पंचायत के सभागार में आयोजित विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान राजगढ़ विधायक अमरा सिंह यादव ने राजगढ़ जिला अस्पताल में पदस्थ एक चिकित्सक के विरुद्ध शिकायती आवेदन वा संबंधित को राजगढ़ से हटाने और निलंबित करने की मांग को लेकर कहा कि,दारू के नशे में डॉक्टर ने एक नहीं बल्कि दो मौत कारित कर दी.
लेकिन आज तक उसका कुछ नहीं बिगड़ा,मेरा आपसे निवेदन है कि इन्हें तत्काल यहां से हटाया जाए और निलम्बित किया जाए,हमारे लोगो ने ऐसे डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की तो पुलिस ने उनमें डंडे दिए,इसके एक दिन पूर्व कुछ लोगों ने डॉक्टर से दुर्व्यवहार किया तो उन्हें पुलिस ने मुर्गा बना दिया.
और उनका जुलूस निकाला गया,ये कौन का प्रशासन है साहब,पूरे जिले के अस्पताल के अधिकारियों के कारण हमें यहां शर्मिंदा महसूस करना पड़ रहा है,मैं शर्मिंदा हु सर पूरी तरह से कलेक्टर साहब से मैने निवेदन किया था कि, सर ऐसे डॉक्टर पर कार्रवाई कीजिए तो कार्रवाई नहीं की गई.
दूसरी बात किसी पेपर वाले ने किसी की मौत के पश्चात कोई बात छाप दी तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवेदन दे दिया गया,ये कौन सी दादागिरी है साहब,इसी बीच कलेक्टर बोले कि मेरा सबमिशन है कि डॉक्टर का मेडिकल कराया गया था,लेकिन उसी दौरान फिर से राजगढ़ विधायक ने कलेक्टर को टोकते हुए कहा कि,अरे कहां मेडिकल हुआ साहब,मेडिकल भी वो तो जनता ने जब आपके ऊपर चढ़ाई की तब जाकर मेडिकल की औपचारिकता की गई.
शर्मिंदा है सर हम रात दिन सुन सुनकर परेशान हो गए,और कलेक्टर और अन्य लोगों की तरफ उंगली दिखाते हुए विद्यायक ने कहा कि,ये सभी लोग भी सुन रहे है, ऐसी बात नहीं है कि समाज इनसे कुछ नहीं कह रहा है,सब लोग सुन रहे है जितने भी लोग जवाबदार है,ऐसे कैसे शासन चलेगा साहब,कब तक हम सहन करे.एक डाक्टर दारू पीकर इलाज कर रहा साहब,एक महिला की मौत हो गई उस पर कोई गंभीर ही नहीं है और न ही कोई जांच है.
गौरतलब है कि,बीते दिनो राजगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती एक युवती की इमरजेंसी वार्ड में पदस्थ ड्यूटी डॉक्टर के उपचार के दौरान जान चली गई थी,जिस पर परिजनों ने डॉक्टर पर नशे में होने के आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया था,और उन्हें तितर बितर करने के लिए पुलिस ने हल्के बल का भी प्रयोग किया.
ऐसे में परिजनों की मांग थी कि डॉक्टर का मेडिकल कराया जाए,क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वह नशे में था,वही उक्त मामले में विधायक अमर सिंह यादव ने कलेक्टर से मिलकर डॉक्टर को हटाने और उसे निलंबित करने की भी मांग की थी,लेकिन दिन पर दिन बीत जाने के बाद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ तो गुरुवार को जिले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप के सामने उनका सब्र टूट गया और वे बरस पड़े,वही प्रभारी मंत्री ने भी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को संबंधित डॉक्टर के विरुद्ध जांच के आदेश दिए है.