डूंगरपुर: जिले के दोवड़ा ब्लॉक के वीरबाला कालीबाई जनजाति बालिका छात्रावास दोवड़ा के वार्डन व उसके परिजनों की मनमानी को लेकर गुरुवार को छात्रावास की बालिकाएं अपने परिजनों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंची तथा जिला कलक्टर को ज्ञापन सौपकर टीसी दिलाने की मांग रखी. वहीं, आदिवासी जनाधिकार एकामंच के गौतमलाल तथा एसएफआई जिलाध्यक्ष जितेश ने वार्डन के खिलाफ कार्यवाही करते हुए बर्खास्त करने की मांग की.
बालिकाओं ने बताया कि वार्डन बसंतीदेवी द्वारा बच्चियों को टॉर्चर कर उनके साथ लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा हैं. वार्डन का पति और बेटी-बेटा सब मिलकर बच्चीयों को प्रताड़ित करते हैं. छात्रावास में मिलने वाली सुविधाएं भी उन्हें पूरी नहीं दी जा रही हैं. दूध में पानी मिलाना, पानी वाली सब्जी खिलाना, नहाने-कपड़े धोने के साबुन समय पर नही मिल पा रहे हैं. वहीं, बालिकाओं ने फर्जी नामांकन से होस्टल चलाने के भी आरोप लगाए. डरी सहमी हुई मासूम बालिकाओं ने जब घर पर जाकर परिजनों को मामले से अवगत करवाया तो परिजन वार्डन बसंतीदेवी के खिलाफ कार्यवाही करने व वार्डन को बर्खास्त करने की मांग को लेकर बच्चियों के साथ जिला कलेक्टर के पास पहुंचे. इधर, मामले की जानकारी वार्डन और वार्डन के पुत्र को मिली तो वो दोनो भी बालिकाओं व उनके परिजनों का पीछा करते हुए जिला कलेक्ट्री पहुंच गए.

एसएफआई जिलाध्यक्ष जितेश ने बताया कि राज्य की बीजेपी सरकार इस इलाके में केवल चुनावी जुमले गाने में व्यस्त है. यहां के टीएडी मंत्री केवल और केवल धार्मिक राजनीति के अलावा खुद के विभाग में क्या हो रहा है यहां तक की जानकारी नही रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि एसएफआई ने पहले भी कहा था कि अधिकतर नेताओ के परिचित व रिश्तेदार वार्डन इन हॉस्टलों में मिल जायेंगे. राज्य सरकार व प्रशासन आदिवासी इलाके में इन हॉस्टलों के ऐसे हालातों पर गम्भीर होकर काम करें.
आज जिस तरीके से यहां के वार्डन द्वारा बालिकाओं के साथ व्यवहार किया जा रहा है यह उचित नही है. साथ ही वार्डन के परिजन किसी भी तरीके से बालिकाओं के साथ दुर्व्यवहार और ऐसा अनैतिक आचरण करने के लिए बाध्य नही है, बावजूद इसके इस तरीके की घटना सामने आई है.
इस दौरान जनजाति वर्ग की बालिकाओं ने मौखिक रूप से उनके साथ वार्डन व उसके परिजनों द्वारा मारपीट करने की बात भी कही है. एसएफआई ने मांग रखी कि प्रशासन तुंरत प्रभाव से उक्त होस्टल का जायजा ले और वार्डन के खिलाफ कार्यवाही करें. एसएफआई ने कहा कि उक्त माँग का समाधान शीघ्र से शीघ्र हो अन्यथा एसएफआई आंदोलन तेज करेगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेंगी.
Advertisements