केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने कोयंबटूर स्थित ईशा योग केंद्र के दौरे के दौरान ईशा फाउंडेशन के ग्रामीण और आदिवासी विकास प्रयासों की समीक्षा की और उनके प्रयासों की सराहन की है. उन्होंने विशेष रूप से थनिकंडी गांव की आदिवासी महिलाओं की प्रगति का जिक्र किया, जिन्होंने मात्र 200 रुपए की पूंजी से शुरुआत कर अब लखपति बनकर इनकम टैक्स भरना शुरू कर दिया है
ईशा फाउंडेशन के मार्गदर्शन में 2018 में गठित चेल्ला मारी अम्मन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने सबसे पहले आदियोगी परिसर के पास छोटे-छोटे दुकानों से व्यापार की शुरुआत की. उस समय यह स्थान एक उभरता हुआ पर्यटक स्थल था. सालों के परिश्रम और प्रशिक्षण के फलस्वरूप अब ये छोटे व्यवसाय लाखों के टर्नओवर में बदल गए हैं. यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आदिवासी महिलाओं के आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की भी मिसाल है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
अपने दौरे के दौरान मंत्री ने एक निकटवर्ती आदिवासी गांव का दौरा भी किया और वहां के निवासियों से सीधे बातचीत की. उन्होंने कहा कि ईशा फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्य चाहे वह ग्रामीण विकास हो, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आध्यात्मिकता या सांस्कृतिक संरक्षण अत्यंत सराहनीय हैं. गांव वाले ईशा फाउंडेशन की ओर से किए जा रहे कार्यों से खुश भी हैं.
रोजगार के लिए बेहतर उपाय किए जा रहे
ईशा फाउंडेशन द्वारा वर्षों से कोयंबटूर के आसपास के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता, और रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाने की दिशा में सतत कार्य किया जा रहा है. इनमें शैक्षणिक छात्रवृत्तियां, 24×7 स्वास्थ्य सेवा, कचरा प्रबंधन, पोषण पूरक आहार, और हुनर विकास प्रशिक्षण जैसे प्रयास शामिल हैं. अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कई जगहों का निरीक्षण भी किया और कार्यों का जायजा भी लिया.