थाने से आदिवासी युवक गायब, CCTV फुटेज भी गायब! परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

ग्वालियर। भंवरपुरा थाने के अंदर से गुरुवार-शुक्रवार की रात करीब दो बजे संदिग्ध परिस्थितियों में आदिवासी युवक लापता हो गया। उसे पुलिस ने चार दिन पहले वाहन चोरी के शक में पकड़ा था। पुलिस का कहना है- उससे चोरी की गाड़ी भी बरामद हुई थी। चार दिन तक उसकी गिरफ्तारी नहीं दर्शाई, उसे चार दिन से थाने के अंदर ही बैठा रखा था। उसके स्वजनों का कहना है- उसके साथ कोई अनहोनी की आशंका है, पुलिस ने उसकी मारपीट की थी। भंवरपुरा थाने के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी गायब हैं।

इसके पीछे पुलिस अधिकारियों का तर्क है- उस समय बिजली नहीं थी। फिलहाल वाहन चोर का कोई सुराग नहीं है, इसलिए यह मामला पुलिस की गले की फांस बन गया है। इस मामले को दबाने के भी प्रयास चल रहे हैं। भंवपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामपुरा गांव में छोटू आदिवासी पुत्र विश्राम आदिवासी रहता है। उसे पुलिस ने चार दिन पहले गांव से ही चोरी के शक में पकड़ा था। थाने का चालक गुमान सिंह उसे पकड़कर लाया था। उसे थाने में पूछताछ के लिए बैठा रखा था। रात को वह थाने में मौजूद था।

इस दौरान ड्यूटी पर हवलदार रामअवतार सोलंकी था। रात में रामअवतार सो गया। इसके बाद छोटू लापता हो गया। जब रामअवतार की नींद खुली तो वह गायब था। इसके बाद तड़के उसने थाना प्रभारी दीपक भदौरिया सहित अन्य पुलिसकर्मियों को सूचना दी। थाने से छोटू के लापता होने की खबर के बाद तो हड़कंप मच गया। जब छोटू के स्वजनों को पता लगा तो यह लोग थाने पहुंच गए। थाने का घेराव कर लिया। इसके बाद यहां स्वजनों ने पुलिस पर उसे गायब करने का आरोप लगाया। स्वजनों का कहना था कि अगर छोटू वाहन चोर है तो उसे जेल क्यों नहीं भेजा गया। चार दिन तक उसे थाने में पीटने का आरोप लगाया।

पुलिस ने मांगा दो दिन का समय

जब यहां हंगामा बढ़ गया तो एसडीओपी से लेकर थाना प्रभारी तक ने उसके स्वजनों से बात की। पुलिस ने इनसे दो दिन का समय मांगा है। थाना प्रभारी दीपक भदौरिया ने स्वजनों से कहा कि दो दिन में उसे ढूंढ लाएंगे।

दिनभर जंगल में खोजती रही पुलिस और स्वजन

छोटू आदिवासी को दिनभर पुलिस और उसके स्वजन जंगल में खोजते रहे। भंवरपुरा और आसपास का इलाका घने जंगल से घिरा है। यहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं मिलता। इस मामले में पुलिस की चिंता इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि कुछ समय पहले जुआ खेलने के संदेह में जिस युवक को पुलिस ने बिजौली में पकड़ा था, उसकी जंगल में लाश मिली थी। उस समय पुलिस पर भी आरोप लगे थे।

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