रायपुर: छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों को सीएम साय की पहल से अब आवास की सुविधा मिल रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह यानी कि पीवीटीजी पहाड़ी कोरवा जनजाति को आवास उपलब्ध कराने के लिए एक अभियान शुरू किया था. अभियान के तहत पक्के मकान उन अस्थायी झोपड़ियों की जगह लेंगे, जिनमें पहाड़ी कोरवा परिवार पीढ़ियों से रह रहे हैं.
पीवीटीजी कर रहे योजना की सराहना: मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बलरामपुर जिले में प्रशासन ने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पहाड़ी कोरवा लोगों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक अभियान शुरू किया है. कई पीढ़ियों से अस्थायी झोपड़ियों में रह रहे पीवीटीजी लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. कई पीवीटीजी को योजना के तहत पक्के मकान मिले हैं. अब वे इस योजना की सराहना कर रहे हैं.
अस्थायी झोपड़ियों में होती है परेशानी: छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में स्थित बलरामपुर जिले में लगभग 5000 पीवीटीजी परिवार रहते हैं. उनमें से अधिकांश अभी भी मिट्टी से बनी अस्थायी झोपड़ियों में रह रहे हैं. इन ग्रामीणों को ऐसे घरों में रहने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में घरों से पानी टपकने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही सांप, बिच्छू सहित अन्य जहरीले कीड़ों से भी उन्हें खतरा रहता है.
चार किस्तों में जारी की जाएगी राशि: इस योजना से अब पीवीटीजी की यह समस्या काफी हद तक दूर हो गई है, क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से संचालित प्रधानमंत्री जन्म योजना के तहत पीवीटीजी वर्ग के लोगों को आवास की सुविधा मिल रही है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार पीएम जन्म योजना के तहत हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए चार किस्तों में 2 लाख रुपए दिए जाते हैं. 45 दिनों के मजदूरी भुगतान के अलावा सरकार शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए दे रही है.
सैंकड़ों लोगों को मिला योजना का लाभ: इस बारे में अधिकारियों ने बताया कि राशि सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है.पीवीटीजी वर्ग के सैकड़ों लोगों ने इस योजना के तहत आवास का निर्माण पूरा कर लिया है. इस योजना से पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोगों के चेहरे पर खुशी लौट आई है.