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रायगढ़: त्रिपुरा की महिला ने की लव-जिहाद की शिकायत, बोली- रियाज ने गुलशन बनकर की शादी

रायगढ़ : जिले में लव जिहाद का मामला सामने आया है. इस मामले में पीड़िता ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम लिखित शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है.

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पीड़िता का कहना है कि जिस युवक के साथ वह अपना दांपत्य जीवन जी रही थी. वह दरअसल एक मुस्लिम युवक है. महिला अपनी सुरक्षा को लेकर रायगढ़ कलेक्टर से गुहार लगाने कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी.

पीड़िता ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि चार साल पहले ऑनलाइन माध्यम से उसका युवक से परिचय हुआ था. जो अपना नाम गुलशन मनहस निवासी जम्मू बताता था. छह-सात महीने मोबाइल से बातचीत करते-करते उसे उससे लगाव हो गया था.

2021 में गुलशन ने सोशल मीडिया पर उससे कहा कि तुम आंध्रप्रदेश की इस जगह पर आ जाओ वहां हम शादी कर लेंगे तब उसने उस पर विश्वास कर लिया. क्योंकि वह उसे ठीक से जानती नहीं थी.

हिंदु रीति-रिवाज से की शादी 
पीड़िता ने सोचा कि घर में वह इस बारे में बात करेगी तब उसे इसका जवाब न ही मिलेगा. इसलिये कुछ दिन बाद पैसे इकट्ठे करके वह आंध्रप्रदेश के लिए रवाना हो गई. जून 2021 में आंध्रप्रदेश के व्रदापालम नामक शहर में गुलशन उसे लेकर गया. जहां मंदिर में हिंदु रीति-रिवाज से शादी की. इसके बाद दोनों साथ में रहने लगे थे.

जब पीड़िता ने गुलशन के परिवार के बारे में पूछा जाता तो हर बार वह बात को घुमा दिया करता था और गोलमोल जवाब देता था। बस इतना बोलता था कि ‘मैं अच्छा इंसान हूं, मैं तुम्हें किसी रूप में धोखा नहीं दिया हूं.’ इसी बीच सात दिसंबर 2022 को पीड़िता ने चेन्नई अस्पताल में एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम उन्होंने गुरदीप रखा.

मुर्गा काटते देख हुआ यकीन

गुरदीप जब चार महीने के आसपास हुआ तब गुलशन ने उसे चलो तुम्हें अपना घर दिखाता हूं कहकर जम्मू कश्मीर लेकर गया. पीड़िता के अनुसार वह पहली बार गई थी. चूंकि कश्मीर के दूसरे छोर पूर्वांचल त्रिपुरा की वह रहने वाली है.

इस दौरान गुलशन ने उसे बताया कि इस गांव का नाम कांदी है. गुलशन के घर से जाने के बाद उनके घर में लोगों का उनका चाल चलन रहन-सहन उनकी धार्मिकता को देखकर पीड़िता को शक हुआ कि ये हिंदू नही हैं. उसे शंका होने के बाद वह उसके साथ रह रही थी.

इसी बीच एक दिन मुर्गा काटने के दौरान उसका तरीका देखकर पीड़िता को लगा कि यह वास्तव में मुस्लिम हैं. तब भी वह शांत थी.

आसपास के मुस्लिमों से की पूछताछ

वह शांति के साथ बिना कुछ किसी से कहे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने लगी थी. जब भी गुलशन घर में नहीं रहता था तब पीड़िता आसपास घूमकर गुलशन के बारे में पूछताछ करती थी.

इस बीच जब भी वह किसी मुस्लिम के घर में जाती थी तब वो लोग हमेशा ही गुलशन पक्ष लेते थे. और उसकी प्रशंसा करते थे. इसके बाद पीड़िता को लगा कि इस्लाम को मानने वालों से पूछकर या फिर उनसे मिलकर उसे गुलशन के बारे में हिंदू होने या न होने के विषय में कोई जानकारी नहीं मिल पायेगी.

हिंदू परिवारों से गुलशन के बारे में पूछा

इसके बाद उसने धीरे-धीरे आसपास में हिंदू परिवारों से गुलशन के बारे में जानकारी लेने का प्रयास में जुटी. तब उसे जानकारी हुई कि गुलशन का वास्तवितक नाम जो कि उसने उसने बताया था गुलशन मनहस यह उसका असली नाम नहीं है.

गुलशन का असली नाम रियाज अहमद पुत्र अहमद दीन जो मुस्लिम है. जैसे ही पीड़िता को इस बात की जानकारी हुई उसने गुलशन को उसके परिवार के अन्य लोगों के सामने यह कहा कि तुम मुस्लिम हो झूठ बोलकर कि विवाह क्यों किया.

मुस्लिम धर्म स्वीकार करने का बनाया दबाव

इसके बाद गुलशन उसके परिजन आसपास के कुछ मुस्लिम परिजनों के अलावा आसपास के मुस्लिम और दो-तीन मौलवी थे. उन्होंने मुझे मुस्लिम धर्म स्वीकार करने के लिये कहा गया. इस दौरान पीड़िता के न कहने पर उससे मारपीट तक की जाने लगी और दबाव बनाया गया.

पीड़िता ने बताया कि उससे कहा गया. ‘इस्लाम अपना लो नहीं तो जीते जी तुम्हें मार दूंगा, तुम्हारे बच्चे की जान ले लूंगा और तुम जीवन भर इसी कैद में सड़ोगी. जब पीड़िता ने उनकी बात नहीं मानी तब उसका खाना-पानी बंद कर दिया गया.

पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी बताया है कि जब उसे कोई सहायता नहीं मिल रही थी तो उसने अपने बच्चे को लेकर कई बार वहां से निकलने का प्रयास किया लेकिन सफल नही हों पा रही थी.

अंततः एक दिन जब उसके पास 265 रुपये थे तब गुलशन के घर से कुछ कपड़े लेकर निकल गई और वहां से भागकर एक दिल्ली और फिर बार राजस्थान गई. लेकिन इस दौरान गुलशन मोबाइल की लोकेशन पता करके उससे बात कर बच्चे के बारे में ब्लैकमेल कर उसका पता लगा लेता था.

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