Kiru Hydropower Corruption Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने किरु हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट मामले में गुरुवार (22 मई 2025) को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पांच अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपपत्र दायर किया है. यह मामला किरु हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. इस मामले को लेकर साल 2024 में सीबीआई ने दिल्ली और जम्मू में 8 स्थानों पर तलाशी ली थी.
सीबीआई ने 2022 में दर्ज किया था मामला
जम्मू कश्मीर सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने अप्रैल 2022 में मामला दर्ज किया था. उन्होंने दावा किया था कि किरु हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से संबंधित फाइलों के मंजूर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. सीबीआई ने जो चार्जशीट दायर की है उसमें चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के पूर्व अधिकारियों और पैटल इंजीनियरिंग लिमिटेड के नाम भी शामिल हैं. सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे.
किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट क्या है?
किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट जम्मू कश्मीर में चिनाब नदी पर स्थित एक रन-ऑफ-द-रिवर पनबिजली प्रोजक्ट है. यह प्रोजेक्ट 624 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता के साथ जम्मू-कश्मीर की बिजली जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस प्रोजेक्ट में जम्मू कश्मीर सरकार की 45 फीसदी और एनएचपीसी की 51 फीसदी हिस्सेदारी है. किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट भारत की सबसे महंगी पनबिजली परियोजनाओं में से एक है.
क्या है भ्रष्टाचार का मामला?
सीबीआई ने सत्यपाल मलिक, पूर्व अधिकारियों एमएस बाबू, CVPPPL के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी, एमके मित्तल, अरुण कुमार मिश्रा और पैटल इंजीनियरिंग के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई के अनुसार सीवीपीपीपीएल (CVPPPL) की 47वीं बोर्ड बैठक में रिवर्स नीलामी के साथ ई-टेंडरिंग के जरिए दोबारा टेंडर करने का फैसला लिया गया था, लेकिन चल रही टेंडरिंग प्रक्रिया को रद्द करने के बाद इसे लागू नहीं किया गया और 47वीं बोर्ड बैठक के फैसले को 48वीं बोर्ड बैठक में पलट दिया गया.