इटली के अपुलिया में G7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से हुई. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा की ओर से भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद दोनों नेताओं की इस मुलाकात पर सभी की नजरें थी. पीएम मोदी से मिलने के बाद ट्रूडो ने संबंधों में सुधार की बात की लेकिन कनाडाई संसद से अलग ही तस्वीर सामने आई है.
कनाडा की संसद में खालिस्तान टाइगर फोर्स संगठन से जुड़े आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के लिए एक मिनट का मौन रखा गया. हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने निज्जर को लेकर शोक संदेश पढ़ा और उसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए मौन रखने को कहा.
Canada's Parliament marked the one-year anniversary of the killing of Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar by holding a moment of silence in the House of Commons on Tuesday
(Video Source – Canadian Parliament Official Website) pic.twitter.com/SGkovpiWXc
— IANS (@ians_india) June 19, 2024
इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि वह भारत की नई सरकार के साथ आर्थिक संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करने का मौका है. उन्होंने ये बात G7 में पीएम मोदी से मुलाकात से बाद ये बात कही.
ट्रूडो ने कहा कि G7 समिट की सबसे अच्छी बात ये है कि आपको यहां बड़े पैमाने पर वैश्विक नेताओं के साथ सीधे जुड़ने का अवसर मिलता है. ऐसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी मिलने का मौका मिलता है, जिनके साथ कुछ मुद्दों पर असहमतियां हैं, जिनमें भारत भी शामिल है. भारत और कनाडा के लोगों के बीच एक संबंध है, जो बहुत महत्वपूर्ण आर्थिक संबंध है.
उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे लोगों के बीच संबंध बहुत गहरे हैं. कई बड़े मुद्दों पर सहमति है, जिन पर हमें वैश्विक समुदाय के तौर पर एक लोकतंत्र के रूप में काम करने की जरूरत है. ऐसे कई बड़े मु्द्दे हैं, जिन पर हमें काम करने की जरूरत है. अब भारत में चुनाव हो गए हैं. ऐसे में मुझे लगता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कनाडा के नागरिकों की सुरक्षा जैसे कुछ बहुत गंभीर मसलों पर चर्चा करने का अवसर है.
यह पूछने पर कि क्या ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में निज्जर की हत्या मामले की जांच में भारत से सहयोग मिलने की दिशा में सुधार हुआ है. इस पर ट्रूडो ने कहा कि इस दिशा में काम हो रहा है.
बता दें, पीएम मोदी और जस्टिन ट्रूडो के बीच इटली में जी7 समिट से इतर बातचीत हुई थी. पिछले साल निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद दोनों नेताओं के बीच ये पहली मुलाकात थी. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के हाथ मिलाती एक तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमें कहा गया था कि G7 समिट में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात हुई.
पिछले साल संसद में बोलते हुए जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत पर लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था. तब से ही भारत और कनाडा के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. भारत ने भी ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
इसी साल जनवरी में कनाडा के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है.
पिछले साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी. निज्जर खालिस्तानी आतंकी था. खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था.
ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था. 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी.
भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.