अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा करते हुए कहा कि, ‘उन्होंने तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर के रूप में चुना है. 43 वर्षीय तुलसी गबार्ड, बाइडेन प्रशासन की कट्टर आलोचक और पूर्व डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि रही हैं, वह जनवरी में रिपब्लिकन राष्ट्रपति-निर्वाचित ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद इस पद को संभालेंगी.
साल 2022 में छोड़ी थी डेमोक्रेट पार्टी
गबार्ड, साल 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़कर इंडिपेंडेट चुनाव भी लड़ा था. वह, ट्रंप की संभावित उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में भी देखी जा रही थीं. वे अब अवरील हेन्स की जगह लेंगी और अमेरिका की शीर्ष इंटेलिजेंस अधिकारी बनेंगी. गबार्ड की नियुक्ति सीनेट में बिना किसी बड़ी कठिनाई के मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जहां ट्रंप के रिपब्लिकन साथी अगले साल कम से कम 52-48 सीटों की बहुमत में होंगे. ट्रंप ने एक बयान में कहा, “मुझे विश्वास है कि तुलसी अपने साहसी स्वभाव को हमारी इंटेलिजेंस कम्युनिटी में भी लाएंगी, हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगी और शक्ति के माध्यम से शांति को बढ़ावा देंगी.”
Thank you, @realDonaldTrump, for the opportunity to serve as a member of your cabinet to defend the safety, security and freedom of the American people. I look forward to getting to work. pic.twitter.com/YHhhzY0lNp
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) November 13, 2024
इंटेलिजेंस का नहीं है बहुत अनुभव
गबार्ड के पास इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बहुत अधिक अनुभव नहीं है और उन्हें इस पद के लिए चुना जाना अपेक्षित नहीं था, हालांकि, उन्होंने 2004 से 2005 के बीच इराक में हवाई नेशनल गार्ड में मेजर के रूप में सेवा की थी और अब यूएस आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. 2020 में, उन्होंने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पेश की थी, जो बाद में जो बाइडेन ने जीती, और फिर उन्होंने बाइडेन का समर्थन किया. डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने के बाद, गबार्ड बाइडेन प्रशासन की बढ़ती आलोचक बन गईं और अक्सर रूढ़िवादी टीवी और रेडियो शो में नजर आईं, जहां उन्होंने अलगाववादी नीतियों का समर्थन किया और “वोकनेस” का विरोध करते हुए लोकप्रियता हासिल की.