‘ट्रंप हमसे पूछकर बीच में नहीं कूदे’, भारत-PAK सीजफायर के ऐलान पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी की दो टूक

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार (19 मई 2025) को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष पर संसदीय समिति को जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक कमेटी के कई सदस्यों ने डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट को लेकर भी सवाल पूछा कि क्या ट्रंप की मध्यस्थता की वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हुआ?

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ट्रंप हमसे पूछकर बीच में नहीं कूदे- विक्रम मिसरी

इस सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया, “यह सही नहीं है. यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा था और उसी तरीके से सीजफायर का फैसला हुआ है. किसी अन्य देश को जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.” विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा की ट्रंप हमसे पूछ कर तो बीच में कूदे नहीं थे अब वह अचानक आ गए तो हम क्या कर सकते हैं.

‘द्विपक्षीय स्तर पर बनी सहमति’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को रोकने में अपने प्रशासन की भूमिका होने का दावा किया था. विदेश सचिव ने सरकार के रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई रोकने पर द्विपक्षीय स्तर पर सहमति बनी थी. हालांकि ट्रंप ने बाद में अपने बयान पर सफाई दी. ट्रंप ने कहा, “मैं यह नहीं कर रहा कि मैंने मध्यस्थता कराई. मैंने समस्या सुलझाने में मदद की.”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी की अपराजिता सारंगी एवं अरुण गोविल आदि ने भाग लिया.

‘PAK में खुलेआम घूम रहे आतंकवादी’

सूत्रों के मुताबिक बदलते सुरक्षा माहौल के बीच भारत किस तरह अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं को पुनर्निर्धारित कर रहा है, इसे लेकर भी संसदीय समिति को जानकारी दी गई. विदेश सचिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का ओर से घोषित आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं और भारत के खिलाफ लगातार हिंसा भड़काते हैं.

 

 

 

 

 

 

 

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