अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत हो गई. यह ऐलान अमेरिका के मीडिया आउटलेट फॉक्स न्यूज ने किया है. हालांकि, अभी वोटों की गिनती जारी है. लेकिन रुझानों में डोनाल्ड ट्रंप ने 240 से ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज पर चौंकाने वाली बढ़त बना रखी है. कमला हैरिस की बात की जाये तो वह 210 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही हैं. लेकिन FOX न्यूज ने ट्रंप के जीतने का ऐलान कर दिया है. ट्रंप 16 राज्यों में भी जीत चुके हैं.
हालांकि, अमेरिका के ‘यूपी’ यानी कैलिफोर्निया में कमला हैरिस को जीत मिली हैं. अमेरिका का यह स्टेट भारत के उत्तर प्रदेश की तरह है. जैसे भारत के लोकसभा चुनाव में सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश पर रहती है, क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटे हैं. ठीक इसी तरह अमेरिका के कैलिफोर्निया में सबसे ज्यादा 54 इलेक्टोरल वोट हैं. यह पूरे अमेरिका में सबसे ज्यादा हैं. लेकिन, कमला की यह जीत फीकी है, क्योंकि 7 स्विंग स्टेट में से किसी एक में भी वो आगे नहीं हैं.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी नहीं गईं कमला
रुझानों को देखें ट्रंप की स्थिति कमला हैरिस के मुकाबले काफी मजबूत है. रुझानों के बाद कहा जा रहा है कि कमला का खेल खत्म हो गया है. क्योंकि सातों स्विंग स्टेट में ट्रंप आगे हैं. अमेरिका में काउंटिंग के बीच कमला हैरिस ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में होने वाले भाषण में न जाने की बात तय की है.
ट्रंप ने इस तरह पलट दी बाजी
चुनावी सर्वे में लगातार यह दिखाया जा रहा था कि कमला हैरिस नॉर्थ कैरोलिना में ट्रम्प को कड़ी टक्कर देने वाली हैं. डेमोक्रेट्स को उम्मीद थी कि हैरिस क्षेत्र के शिक्षित मतदाताओं के बीच बढ़त हासिल करेंगी, जिससे इस राज्य के 16 इेक्टोरल वोट पर उन्हें जीत हासिल होगी. लेकिन ट्रंप ने यहां से जीत हासिल की है. इसी तरह जॉर्जिया में ट्रंप की जीत से भी अमेरिका के लोग हैरान हैं.
जानें 7 स्विंग स्टेट्स का हाल
जॉर्जिया: ट्रंप जीते
पेंसिल्वेनिया: ट्रंप आगे
नॉर्थ कैरोलिना: ट्रंप जीते.
मिशिगन: कमला हैरिस आगे.
विस्कॉन्सिन: डोनाल्ड ट्रंप आगे.
एरिजोना: ट्रंप आगे चल रहे हैं.
नेवादा: ट्रंप आगे.
किस राज्य में कौन जीता?
मोन्टाना, मिसौरी, ओहायो, टेक्सास, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, व्योमिंग में ट्रंप ने जीत हासिल कर ली है. ट्रंप ओहायो में भी जीत गए हैं. यह स्टेट उनके वाइस प्रेसिडेंट उम्मीदवार जेडी वेंस का गृह राज्य भी है. वहीं. इलिनोइस, वॉशिंगटन डीसी, कोलोराडो और न्यूयॉर्क में कमला हैरिस जीत गई हैं.
क्या होता है इलेक्टोरल कॉलेज?
इलेक्टोरल कॉलेज दरअसल वह निकाय है, जो राष्ट्रपति को चुनता है. इसे आसान भाषा में कुछ यूं समझिए कि आम जनता राष्ट्रपति चुनाव में ऐसे लोगों को वोट देते हैं जो इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं और उनका काम देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को चुनना है. नवंबर के पहले सप्ताह में मंगलवार को वोटिंग उन मतदाताओं के लिए होती है जो राष्ट्रपति को चुनते हैं. ये इलेक्टर्स निर्वाचित होने के बाद दिसंबर महीने में अपने-अपने राज्य में एक जगह इकट्ठा होते हैं और राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट करते हैं.
स्विंग स्टेट्स में कितने इलेक्टोरल कॉलेज वोट?
पेंसिल्वेनिया: 19
जॉर्जिया: 16
नॉर्थ कैरोलिना: 16
मिशिगन: 15
एरिजोना: 11
विस्कॉन्सिन: 10
नेवादा: 6
कैसे तय होता है राष्ट्रपति?
अमेरिका का राष्ट्रपति का चुनाव एक अप्रत्यक्ष प्रक्रिया है, जिसमें सभी राज्यों के नागरिक इलेक्टोरल कॉलेज के कुछ सदस्यों के लिए वोट करते हैं. इन सदस्यों को इलेक्टर्स कहा जाता है. ये इलेक्टर्स इसके बाद प्रत्यक्ष वोट डालते हैं जिन्हें इलेक्टोरल वोट कहा जाता है. इनके वोट अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए होते हैं. ऐसे उम्मीदवार जिन्हें इलेक्टोरल वोट्स में बहुमत मिलता है राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं.
समझ लीजिए, कुल 538 सीटों पर चुनाव का विजेता वह उम्मीदवार होता है जो 270 या उससे अधिक सीटें जीतता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वही राष्ट्रपति बन जाए. यह संभव है कि कोई उम्मीदवार राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक वोट जीत ले लेकिन फिर भी वह इलेक्टोरल कॉलेज की ओर से जीत नहीं पाए. ऐसा मामला 2016 में सामने आया था, जब हिलेरी क्लिंटन इलेक्टोरल कॉलेज की ओर से नहीं जीत पाई थीं.